Yes Bank AT-1 Bonds Case: बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आरबीआई की याचिका पर नोटिस
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एडिशनल टियर-1 (एटी-1) बॉण्ड को बट्टे खाते में डालने के यस बैंक प्रशासक के फैसले को निरस्त किये जाने के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एवं अन्य की याचिकाओं पर एक्सिस ट्रस्टी सर्विसेज लिमिटेड को शुक्रवार को नोटिस जारी किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एडिशनल टियर-1 (एटी-1) बॉण्ड को बट्टे खाते में डालने के यस बैंक प्रशासक के फैसले को निरस्त किये जाने के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एवं अन्य की याचिकाओं पर एक्सिस ट्रस्टी सर्विसेज लिमिटेड को शुक्रवार को नोटिस जारी किया।
बम्बई उच्च न्यायालय ने यस बैंक प्रशासक के आदेश को निरस्त कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने आरबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और यस बैंक का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों का संज्ञान लिया और एटी-1 बॉण्ड को बट्टे खाते में डालने के फैसले को निरस्त करने संबंधी बम्बई उच्च न्यायालय के फैसले पर लगी रोक को जारी रखा।
उच्च न्यायालय ने, हालांकि यस बैंक प्रशासक के फैसले को खारिज करते हुए कहा था कि उसका फैसला फिलहाल स्थगित रहेगा ताकि आरबीआई और यस बैंक इसके खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील कर सकते हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाए। (बम्बई उच्च न्यायालय के फैसले के जरिये लगाई गयी) रोक जारी रहेगी।’’
एटी-1 बॉण्ड की कोई परिपक्वता तिथि नहीं होती है। इसमें अधिक रिटर्न मिलता है, लेकिन ज्यादा जोखिम भी होता है।
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न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 मार्च की तारीख मुकर्रर की।
उच्च न्यायालय ने बॉण्ड को बट्टे खाते में डालने के यस बैंक के 14 मार्च, 2020 के आदेश को 20 जनवरी को निरस्त कर दिया था। अदालत ने कहा था कि प्रशासक के पास ऐसा निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।