Woman's Day: छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने कायम की नई मिसाल,पढ़िये महिलाओं की आर्थिक आजादी और आत्मनिर्भरता की यह प्रेरक कहानी

डीएन ब्यूरो

छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने नई मिसाल कायम की है। यहां महिलाओं ने लोन लेकर बिजनेस शुरू किया और अब उसी से अपने राज्य की बढ़ोतरी में योगदान दे रही है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाओं ने कायम किया नया आदर्श
उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाओं ने कायम किया नया आदर्श


राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने जो कमाल किया है वो वाकई सलाम करने के लायक है। राज्य के राजनांदगांव जिले की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल कायम की है। यहां की महिलाओं ने आर्थिक आजादी और आत्मनिर्भरता को समझाते हुए कई सारे विभिन्न प्रकार के कारोबार शुरू किए है। इन कारोबार को शुरू करने के लिए उन्होंने 107.75 करोड़ रुपये का लोन लिया। 

राजनांदगांव ने जिला कलेक्टर तरण सिन्हा ने बताया कि ये महिलाएं गौठानों में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी हुई है। इस मिशन से जुड़ कर इन महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम कर एक नया आयाम स्थापित किया हैं। इन महिलाओं द्वारा जिले के गांवों में ग्रामीण इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में गौठानों की स्थापना की गई है। इसके अलावा इन महिलाओं ने लोन लेकर कई मशीनरी खरीदी है जिनसे वो गौठानों में विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बना रही हैं।

प्रशासन की मदद से आज ये महिलाएं मसाले, हर्बल रंग, चंदन, फिनाइल, साबुन, पापड़, अचार, मुर्गी पालन, तार की बाड़, सीमेंट पोल और वर्मीकम्पोस्ट सहित कई प्रोडक्ट ना सिर्फ बना रही है बल्कि उसे पूरे राज्य में बेच भी रही है। इसके अलावा, गांव निवासी बकरी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन और बांस हस्तशिल्प वस्तु निर्माण में भी लगे हुए हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार इस जिले में अब तक स्वयं सहायता समूहों की 6,557 महिलाओं ने इस फाइनेंशियल ईयर में 107.75 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इसी के साथ ही अधिकारियों ने 80.74 करोड़ रुपये के अपने लक्ष्य को पार कर 133 प्रतिशत की सफलता दर हासिल को किया है।

उन्होंने आगे कहा कि जिले की महिला उद्यमी ऋण अदायगी के मामले में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। राजनांदगांव में स्वयं सहायता समूहों का नॉन-प्रफोमिंग एससेट का अनुपात 3 प्रतिशत है वहीं राज्य का एवरेज 5 प्रतिशत है। 

इसके अलावा जिला कलेक्टर ने बैंकिंग क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के बारे में भी बता कि और कहा कि राजनांदगांव में करीब 147 बैंक सखियां गांव की आम जनता को बैंक सुविधाएं उपलब्ध करवा रही हैं। इस वित्तीय वर्ष में अब तक बैंक सखियों के माध्यम से लोगों तक 195 करोड़ रुपये पहुंचाए जा चुके हैं।
 










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