Whatsapp ने भारत में रिकॉर्ड 45 लाख खातों पर लगाया प्रतिबंध, जानिए क्या है वजह

मेटा के स्वामित्व वाले ऐप ‘व्हाट्सएप’ ने फरवरी में 45 लाख से अधिक खातों पर प्रतिबंध लगाया, जो उससे पिछले महीने में प्रतिबंधित खातों की संख्या से काफी अधिक है। व्हाट्सएप ने भारत के बारे में अपनी मासिक रिपोर्ट यह जानकारी दी है।

Updated : 2 April 2023, 8:15 AM IST
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नई दिल्ली: मेटा के स्वामित्व वाले ऐप ‘व्हाट्सएप’ ने फरवरी में 45 लाख से अधिक खातों पर प्रतिबंध लगाया, जो उससे पिछले महीने में प्रतिबंधित खातों की संख्या से काफी अधिक है। व्हाट्सएप ने भारत के बारे में अपनी मासिक रिपोर्ट यह जानकारी दी है।

व्हाट्सएप ने जनवरी में 29 लाख, दिसंबर में 36 लाख और नवंबर में 37 लाख खातों पर प्रतिबंध लगाया था।

उपयोगकर्ता सुरक्षा संबंधी इस रिपोर्ट में उपयोगकर्ताओं से मिली शिकायतों और उनपर व्हाट्सऐप की ओर से की गई कार्रवाई का ब्यौरा दिया गया है। साथ ही ऐप के दुरुपयोग को रोकने के लिए व्हाट्सऐप की तरफ की गई एहतियाती कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी गई है।

व्हाट्सएप के एक प्रवक्ता ने कहा, 'नवीनतम मासिक रिपोर्ट के अनुसार, व्हाट्सएप ने फरवरी के महीने में 45 लाख से अधिक खातों पर प्रतिबंध लगाया।'

किसी भारतीय खाते की पहचान +91 फोन नंबर के माध्यम से की जाती है।

शनिवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 'एक फरवरी, 2023 से 28 फरवरी, 2023 के बीच 4,597,400 व्हाट्सएप खातों पर प्रतिबंध लगाया गया। इनमें से 1,298,000 खातों को उपयोगकर्ताओं की ओर से कोई शिकायत मिलने से पहले ही एहतियात के तौर पर प्रतिबंधित किया गया। ”

नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी के दौरान 2,804 शिकायत रिपोर्ट प्राप्त हुईं और 504 खातों पर 'कार्रवाई' की गई।

प्राप्त हुई कुल रिपोर्टों में से 2,548 में 'प्रतिबंध की अपील' की गई थी, जबकि अन्य शिकायतें अकाउंट सपोर्ट, प्रोडक्ट सपोर्ट, सुरक्षा और अन्य मुद्दों से संबंधित थीं।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'हम प्राप्त हुई सभी शिकायतों का जवाब देते हैं। केवल उन शिकायतों का जवाब नहीं दिया जाता जो हूबहू पिछली शिकायत जैसी होती हैं।”

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम के तहत (50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाले) बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए हर महीने अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करना अनिवार्य होता है। इस रिपोर्ट में प्राप्त शिकायतों और उनपर की गई कार्रवाई का विवरण होता है।

अतीत में नफरत भरे भाषणों, गलत सूचना और फर्जी खबरों को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों की आलोचना होती रही है।

Published : 
  • 2 April 2023, 8:15 AM IST