Vinesh Phogat का सपना, गांव का कोई पहलवान तोड़े मेरा रिकॉर्ड

डीएन ब्यूरो

पेरिस से लौटने के बाद विनेश फोगाट अपने गांव बलाली पहुंच चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि उनके गांव का ही कोई उनका रिकॉर्ड तोड़े। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट

प्रतिकात्मक छवि
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हरियाणा: पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic) से स्वदेश लौटने पर विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) का भव्य स्वागत हुआ। महिला पहलवान फोगाट ने कहा है कि अगर वह अपने गांव बलाली से महिला पहलवानों को प्रशिक्षित कर उन्हें खुद से ज्यादा सफल बना सकें तो यह गर्व की बात होगी। उनका सपना है कि उनके गांव का ही कोई उनका रिकॉर्ड तोड़े।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक ओलंपिक में फाइनल में पहुंचने के बाद अधिक वजन के कारण फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। शनिवार को फोगाट का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। विनेश ने अपनी अयोग्यता के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की थी लेकिन उसे खारिज कर दिया था।

135 किलोमीटर की दूरी 13 घंटे में तय 
दिल्ली से अपने पैतृक गांव बलाली तक के रास्ते में विनेश फोगाट को उनके समर्थकों और खाप पंचायतों ने सम्मानित किया। उन्हें 135 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 13 घंटे का समय लगा। पेरिस से यहां तक के लंबे सफर के कारण विनेश काफी थक गई थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रशंसकों को संबोधित किया। 

 










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