जेएनयू परिसर में हिंसा पर 50 हजार रुपये के जुर्माने वाला नया नियम कुलपति ने वापस लिया

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने परिसर में शारीरिक हिंसा, गाली-गलौज और धरना देने पर छात्रों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने वाले नियमों को वापस ले लिया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 March 2023, 12:26 PM IST
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नयी दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने परिसर में शारीरिक हिंसा, गाली-गलौज और धरना देने पर छात्रों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने वाले नियमों को वापस ले लिया है। विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने दावा किया कि उन्हें इस तरह का दस्तावेज तैयार होने और जारी किये जाने की जानकारी नहीं थी।

नये नियम वाले 10 पन्नों के दस्तावेज पर छात्रों और शिक्षकों की कड़ी प्रतिक्रिया आने के बाद चीफ प्रॉक्टर रजनीश कुमार मिश्रा ने  अधिसूचना जारी कर कहा कि जेएनयू छात्रों के अनुशासन और नियम से संबंधित दस्तावेज को प्रशासनिक कारणों से वापस लिया जाता है।

‘जेएनयू के छात्रों के अनुशासन और उचित आचरण के नियम’ शीर्षक वाले दस्तावेज में प्रदर्शन और जालसाजी जैसे विभिन्न कृत्यों के लिए दंड का प्रावधान है। इसमें प्रॉक्टर स्तर की जांच की प्रक्रिया और बयान दर्ज करने का भी प्रावधान है। इसमें 5,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक जुर्माने या विश्वविद्यालय से निष्कासित करने और प्रवेश निरस्त करने का भी प्रावधान है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने  कहा, ‘‘मुझे इस तरह के सर्कुलर की जानकारी नहीं थी। मैं किसी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की वजह से हुबली में हूं। मुख्य प्रॉक्टर ने दस्तावेज जारी करने से पहले मुझसे सलाह नहीं ली। मुझे नहीं पता था कि इस तरह का दस्तावेज तैयार किया जा रहा है। मुझे अखबारों से इसके बारे में पता चला। इसलिए, मैंने इसे वापस ले लिया है।’’

मिश्रा ने अधिसूचना में कहा कि कुलपति के निर्देश पर दस्तावेज वापस ले लिया गया है।  विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर दस्तावेज को खोजा, लेकिन कुछ नहीं मिला।

अब वापस लिये जा चुके दस्तावेज के अनुसार नियम तीन फरवरी को प्रभाव में आये थे। परिसर में बीबीसी के वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग को लेकर विरोध प्रदर्शनों के बाद नये नियम लागू किये गये।

जेएनयू छात्र संघ ने नये नियमों पर चर्चा के लिए बृहस्पतिवार को सभी छात्र संगठनों की बैठक बुलाई थी।

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