Uttar Pradesh: मेरठ में सेना का फर्जी कर्नल गिरफ्तार, भर्ती के नाम पर युवाओं को बनाया शिकार

उत्‍तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने कथित तौर पर खुद को सेना में भर्ती बोर्ड का कर्नल बताकर युवाओं से रकम ऐंठने वाले एक पूर्व सैनिक को गिरफ्तार किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 12 September 2023, 4:35 PM IST
google-preferred

मेरठ: उत्‍तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने कथित तौर पर खुद को सेना में भर्ती बोर्ड का कर्नल बताकर युवाओं से रकम ऐंठने वाले एक पूर्व सैनिक को गिरफ्तार किया है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस के अनुसार, कथित रूप से नाम बदलकर और खुद को भर्ती बोर्ड का कर्नल डीएस चौहान बताकर कई राज्यों के युवाओं से मोटी रकम ठगने वाले सत्यपाल सिंह यादव को गिरफ्तार कर मंगलवार को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

आरोपी के खिलाफ गंगा नगर थाने में भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेराफेरी, साजिश समेत संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी के पास से पांच नियुक्ति पत्र, पांच स्टांप, एक प्रिंटर, कर्नल की वर्दी और एक फर्जी पहचान पत्र बरामद किया गया है।

पुलिस ने बताया कि कर्नल बनकर पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को ठगने वाला सत्‍यपाल सिंह सिर्फ दसवीं पास है और 2003 में सेना में नायक (चालक) के पद से सेवानिवृत्त हुआ था और वह 1985 में सेना में भर्ती हुआ था।

एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) बृजेश सिंह ने बताया कि सैन्य खुफिया ईकाई और एसटीएफ, मेरठ की संयुक्त टीम द्वारा सोमवार को मेरठ के कसेरु बक्सर निवासी सत्यपाल को गिरफ्तार कर लिया गया।

उनके मुताबिक, जिस समय उसकी गिरफ्तारी हुई, उस समय वह अपने घर पर कुछ लोगों को सेना में भर्ती कराने की बात कर रहा था।

एएसपी ने बताया, “ सत्‍यपाल के घर मौके पर मिले सुनील कुमार ने अपनी बहन पूनम कुमारी को सेना में एलडीसी क्लर्क के पद पर भर्ती कराने के लिए 16 लाख रुपये दो साल पहले दिए थे। यह रकम लेकर सत्यपाल ने सुनील और उसकी बहन पूनम दोनों के नाम मई में नियुक्ति पत्र दिए थे, लेकिन भाई-बहन नियुक्ति पत्र लेकर सात मई को भर्ती मुख्यालय, लखनऊ पहुंचे तो उन्हें अपने साथ की गई धोखाधड़ी का पता चला।”

उन्होंने बताया कि इसके बाद सेना के अधिकारी सतर्क हुए।

जांच टीम के अधिकारियों ने बताया कि 2003 में सेना से सेवानिवृत्त होने के तीन साल बाद सत्यपाल लकवाग्रस्त हो गया और फिर उसने पैसा कमाने के लिए जालसाजी शुरू की।

अधिकारियों ने बताया कि सत्यपाल लोगों को झांसे में लेने के लिए कर्नल की वर्दी पहनता था और अपने साथ सैन्य वर्दी पहने कुछ लड़कों को रखता था, ताकि किसी को शक न हो।

उन्होंने बताया कि सत्यपाल पुणे में तैनात कर्नल डीएस चौहान की गाड़ी चलाता था, इसलिए कर्नल की तरह बात करने के तरीके से वह भली-भांति परिचित हो गया था।

अधिकारियों के मुताबिक, सत्यपाल ने कर्नल डीएस चौहान के नाम की ही प्लेट बनवाई और कर्नल की वर्दी पहनकर धोखाधड़ी शुरू कर दी।

Published : 
  • 12 September 2023, 4:35 PM IST

Related News

No related posts found.