उत्तर प्रदेश: नोएडा में बिल्डर के बाउंसर और किसानों के बीच खूनी संघर्ष, 22 पर मामला दर्ज

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के दादरी इलाके में अंसल-सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसर और किसानों के बीच जमीन पर कब्जा करने को लेकर विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया और कथित तौर पर गोलीबारी की गई। पढ़िए डाईनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बिल्डर और किसानों के बीच खूनी संघर्ष
बिल्डर और किसानों के बीच खूनी संघर्ष


नोएडा: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के दादरी इलाके में अंसल-सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसर और किसानों के बीच जमीन पर कब्जा करने को लेकर विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया और कथित तौर पर गोलीबारी की गई। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि घटना दादरी के रामगढ़-कैमराला गांव में बीती रात की है। पुलिस को मौके से खाली कारतूस भी मिले हैं और दोनों पक्षों के करीब 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

अपर पुलिस उपायुक्त (जोन तृतीय) अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सर्वोत्तम बिल्डर ने किसानों से जमीन खरीदी हुई है और कुछ किसान बृहस्पतिवार को उस पर बुआई कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि इसे रोकने पहुंचे बिल्डर के बाउंसर ने विरोध किया, जिससे मौके पर मौजूद किसान संजय और वीर सिंह से उनका विवाद हुआ और कुछ देर बाद मारपीट शुरू हो गई।

सिंह ने बताया कि किसानों ने बिल्डर के लोगों द्वारा गोलीबारी किये जाने का आरोप लगाया है और मौके से पांच से छह खाली कारतूस बरामद किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि इस मामले में चौकी प्रभारी यशपाल शर्मा की शिकायत पर अशोक, सत्येंद्र, विजेंद्र, संजय, वीर सिंह, राजू तथा 10 से 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 147, 148, 149, 307, 323, 504, 34 तथा आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम (1932) की धारा सात के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है तथा अन्य की तलाश की जा रही है।

किसान नेता सुनील फौजी ने आरोप लगाया कि बाउंसर के पास लाठी-डंडे, लोहे की रॉड और अन्य हथियार थे, जिनसे उन्होंने किसानों पर हमला किया।

फौजी ने कई किसानों के घायल होने का दावा किया है, लेकिन घायलों की संख्या को लेकर पुलिस की ओर पुष्टि नहीं की गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ग्रामीण विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से अंसल-सर्वोत्तम बिल्डर के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रामीणों की सेक्टर की तर्ज पर गांवों का विकास, अधिग्रहण से प्रभावित लोगों को नौकरी, भूमिहीन लोगों को भूखंड आवंटित करना और नए अधिग्रहण के तहत मुआवजा देने सहित विभिन्न मांग कर रहे हैं।










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