UNSC: भारत को मिली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान, बैठक का नेतृत्व कर पीएम मोदी रचेंगे इतिहास

डीएन ब्यूरो

भारत ने रविवार से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाल ली है। भारत को यह अहम जिम्मेदारी मिलने के बाद पीएम मोदी सुरक्षा परिषद की बैठक का नेतृत्व कर नया इतिहास बनाएंगे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

पीएम मोदी करेंगे सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता (फाइल फोटो)
पीएम मोदी करेंगे सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के लिये आज का दिन बेहद अहम है। आज यानी एक अगस्त से भारत के हाथ में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान आ गई है। रविवार से भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाल ली है। अगस्त 2021 में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत के पास रहेगी। इसके साथ ही पीएम मोदी अब सुरक्षा परिषद बैठक की अध्यक्षता करके नया इतिहास भी बनाएंगे।

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (T.S. Tirumurti) के मुताबिक अगस्त माह में भारत तीन हाई लेवल मीटिंग करने जा रहा है, जिसमें समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद का मुकाबला जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। भारत इन कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए तैयार है। देश की आजादी के बाद पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिध सैयद अकबरुद्दीन ने रविवार को ये जानकारी दी। अकबरुद्दी के मुताबिक 9 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी कर सकते हैं। बता दें कि 75 साल में ये पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यीय निकाय के एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
सैयद अकबरुद्दी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधान मंत्री होंगे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने का फैसला किया है। इससे ये साबित होता है कि हमारे लीडर अब फ्रंट से लीड करना चाहते हैं।’

कई उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला सहित भारत के शीर्ष अधिकारी करेंगे। सैयद अकबरुद्दी ने कहा, ‘ ये यूएनएससी पर हमारा आठवां कार्यकाल है, फिर भी 75 वर्षों में ये पहली बार है जब हमारे राजनीतिक नेतृत्व ने सुरक्षा परिषद के किसी कार्यक्रम की अध्यक्षता करने में दिलचस्पी दिखाई है।’  










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