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राजस्थान सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और मूल्य वर्धित कर (वैट) जमा करने को आसान बनाने के लिए दो हजार ‘टैक्स मित्र’ नियुक्त करेगी। इससे जीएसटी और वैट जमा कराना आसान हो जाएगा।
जयपुर: राजस्थान सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और मूल्य वर्धित कर (वैट) जमा करने को आसान बनाने के लिए दो हजार 'टैक्स मित्र' नियुक्त करेगी। इससे जीएसटी और वैट जमा कराना आसान हो जाएगा।
एक सरकारी बयान के अनुसार सरकार आवेदन प्रक्रियाओं में आवेदकों को सहूलियत देने के लिए दो हजार टैक्स मित्र नियुक्त करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नियोजन की योग्यताओं तथा शुल्क निर्धारण संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
गहलोत ने व्यपारियों को 'स्व कर जांच' की प्रथम स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 'आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस' (कृत्रिम मेधा) आधारित ई-टैक्स ऑफिसर सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म विकसित करने की स्वीकृति भी दी है।
इसके अनुसार टैक्स मित्र के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता वाणिज्य में स्नातक रखी है। इसमें लेखा सनदी लेखाकारों (सीए), कंपनी सचिवों (सीएस) सहित अनुभवी आवेदकों को प्राथमिकता मिलेगी। इसकी आयु 21 से 40 वर्ष निर्धारित की गई है। टैक्स मित्रों द्वारा विभिन्न टैक्स संबंधी आवेदन प्रक्रियाओं के लिए शुल्क लिया जाएगा। इस शुल्क का भी निर्धारण किया गया है। इसमें जीएसटी, वैट आवेदन, संशोधन, आईटीसी, ई-वे बिल, सब्सिडी आवेदन, एमएसएमई आवेदन सहित अन्य कार्यों के लिए 50 रुपए से 400 रुपए तक का शुल्क रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में जीएसटी एवं वैट आवेदन प्रक्रियाओं में सुगमता के लिए इस संबंध में घोषणा की थी।
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