Happy Vinayak Chaturthi: आज घर-घर पधारेंगे बप्पा, ऐसे करें मूर्ति की स्थापना
आज गणेश चतुर्थी के अवसर पर देश भर में घर-घर में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जायेगी। ज्यादा जानकारी के लिये पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।
नई दिल्ली: आज गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर पूरे देश के पंडालों और घरों में गणपति बप्पा की स्थापना की जाएगी। गणेश पुराण के अनुसार भगवान गणपति (Ganpati) का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि चित्रा नक्षत्र और मध्याह्र काल में हुआ था। भगवान गणेश हिंदू देवी-देवताओं में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता हैं। गणेश जी के कई नाम हैं जैसे गणपित, लंबोदर, विनायक, गजानन सुखकर्ता और विन्घहर्ता आदि।
बता दें कि पूरे देश में गणेश उत्सव का पर्व 10 दिनों तक चलेगा और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की मूर्ति को जल में विसर्जित (Immerse) कर विदाई दी जाएगी।
शुभ योग 2024
इस बार गणेश चतुर्थी पर सुमुख योग में भगवान गणेश की स्थापना और पूजा बहुत ही शुभ माना गया है। सुमुख नाम भगवान गणेश का एक नाम भी है। आज गणेश चतुर्थी पर सर्वार्थसिद्धि, बुधादित्य और पारिजात योग बना हुआ है। इस संयोग में गणेश स्थापना बहुत सी शुभ माना जाता है।
यह भी पढ़ें |
Sankashti Chaturthi 2024: सकष्टी चतुर्थी आज, जानें कैसे चमकेगी किस्मत
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 06 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट से शुरू हो गई है। इसका समापन 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 38 मिनट पर होगा।
शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 20 मिनट से शुरू हो रहा है। शास्त्रों में भी भगवान गणेश की पूजा और स्थापना के लिये दोपहर का समय शुभ माना गया है। आज अभिजीत मुहूर्त में गणपति की स्थापना के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त होगा। इसके अलावा आज भगवान गणपति की मूर्ति स्थापना तीन शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं। सुबह 8 बजे से लेकर 9:30 बजे तक। मध्याह्र काल में 11:20 से 1:40 तक और दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 5:30 तक
पूजा विधि
आज गणेश चतुर्थी से भगवान गणेश 10 दिनों तक देश के घर-घर में विराजेंगे। गणपति जी भव्य पंडालों में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। गणेश पुराण के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मध्याह्र व्यापिनी में करने का विधान बताया गया है। इसके लिये सबसे पहले सूर्योदय (Sunrise) से पहले उठकर अपने दैनिक क्रियाकर्म कर स्नान करते हुए साफ-सुथरे कपड़े पहनें। फिर घर के जिस स्थान पर बप्पा (Bappa) की मूर्ति को स्थापति करना है वहां साफ सफाई कर आसन पर बैठे और भगवान गणेश की स्थापना का संकल्प लें।
यह भी पढ़ें |
Ganesh Chaturthi 2022: हर शुभ कार्य में सबसे पहले क्यों की जाती है भगवान गणेश की पूजा, जानिये दिलचस्प कहानी
इसके बाद बप्पा की लाई गई मूर्ति के आंखों में बांधी गई लाल रंग की पट्टी को उतारते हुए षोडशोपचार विधि से भगवान गणेश का आवाहन करते हुए उनकी पूजा आरंभ कर दें। हाथ में गंगाजल, फूल व कुश लेते हुए गणेश जी के मंत्रों का जाप करते हुए भगवान गणेश को धूप, दीप और पुष्प अर्पित करें। भगवान गणेश को मोदक बहुत ही प्रिय होता है ऐसे में उन्हें मोदक, केले और मोतीचूर के लड्डू चढ़ाएं।