

उत्तराखंड़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। बता दें कि, धामी कैबिनेट में कई चेहरों की लॉटरी लग सकती है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
उत्तराखंड : उत्तराखंड के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार की स्थिति का आपने बेहतरीन और विस्तृत विवरण दिया है। वाकई, इस बार विस्तार धामी सरकार और संगठन दोनों के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है।
पांच सीटें खाली हैं
डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक एक दर्जन से अधिक विधायक कतार में हैं। युवा बनाम अनुभव का संतुलन बड़ी चुनौती। स्वच्छ छवि को प्राथमिकता दी जाएगी। सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को भी संतुलित करना होगा। प्रेमचंद अग्रवाल प्रकरण से उपजे आक्रोश को संभालना जरूरी है।
जिन नामों पर चर्चा हो रही है
इनमें से कुछ वरिष्ठ चेहरे हैं, तो कुछ की छवि युवा नेताओं की है। संगठन को तय करना है कि किसे मंत्री बनाया जाए, ताकि संतुलन बना रहे और संदेश सही जाए।विधायकों के दिल्ली में डेरा डालने की खबर यह भी बताती है कि शीर्ष नेतृत्व से संपर्क साधने की कोशिशें तेज हैं और कहीं न कहीं हाईकमान के इशारे पर ही फैसला लेना पड़ रहा है।
तस्वीर साफ है:
धामी सरकार किसी भी कीमत पर ऐसे चेहरे नहीं लाना चाहती जिससे जनता में गलत संदेश जाए या विपक्ष को हमला करने का मौका मिले। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में पारदर्शिता और साफ-सुथरी छवि सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी।