Opposition Meeting: विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं ने लोकसभा चुनाव को लेकर लिये ये संकल्प, जानिये बैठक से जुड़े बड़े अपडेट
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने 2024 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से मुकाबला करने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी करने का बृहस्पतिवार को संकल्प लिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मुंबई: विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने 2024 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से मुकाबला करने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी करने का बृहस्पतिवार को संकल्प लिया। विपक्षी गठबंधन के कुछ नेताओं ने सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने और कुछ हफ्तों में एक संयुक्त एजेंडा लाने की जरूरत पर बल दिया।
शीर्ष विपक्षी नेताओं ने अपने गठबंधन के तीसरे दौर की वार्ता के पहले दिन एक अनौपचारिक बैठक में कुछ घंटों के लिए मुलाकात की। विपक्षी नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें जल्द से जल्द एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।
विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने अपनी चुनावी योजनाओं को तैयार करने के वास्ते चार उप-समूहों के साथ एक समन्वय समिति को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नेताओं से कहा कि वे समन्वय समिति का हिस्सा बनने के लिए अपनी-अपनी पार्टियों से एक नाम दें।
‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) भी शुक्रवार को अपने ‘लोगो’ का अनावरण करेगा, हालांकि बृहस्पतिवार को इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
सूत्रों ने कहा कि विपक्षी समूह के पास प्रवक्ताओं की एक टीम होनी चाहिए जो गठबंधन की ओर से बोलें, क्योंकि विभिन्न दलों के नेताओं के पास अपने-अपने प्रवक्ता हैं।
उन्होंने कहा कि नेताओं ने शुक्रवार की बैठक के एजेंडे पर चर्चा की जो पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी, जिसके बाद वे एक संयुक्त बयान जारी करेंगे और एक संवाददाता सम्मेलन को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि यह निर्णय लिया गया कि चर्चा के बाद एक समन्वय समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें कम से कम चार उप-समूह शामिल होंगे जिनमें एक गठबंधन के संयुक्त कार्यक्रम की योजना बनाने के लिए, दूसरा कार्य योजना तैयार करने और सोशल मीडिया को संभालने के लिए और एक अनुसंधान तथा डेटा विश्लेषण पर आधारित होगा।
इसके अलावा, संयुक्त अभियान और रैलियों की रूपरेखा तैयार करने के लिए उप-समितियां भी गठित की जाएंगी।
एक सूत्र ने बताया कि शुक्रवार को गठबंधन के लिए संयोजक बनाने पर भी चर्चा हो सकती है।
यह भी पढ़ें |
नीतीश ने भाजपा के खिलाफ अधिक से अधिक विपक्षी दलों की एकजुटता का आह्वान किया, जानिये पूरा अपडेट
समझा जाता है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि गठबंधन को दो अक्टूबर तक अपना घोषणापत्र जारी करना चाहिए, वहीं दिल्ली के उनके समकक्ष अरविंद केजरीवाल ने अगले महीने के अंत तक लोकसभा चुनावों के लिए पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने का आह्वान किया।
ऐसा समझा जाता है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव ने भी राज्यों में पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को जल्द अंतिम रूप देने का आह्वान करते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है।
केंद्र सरकार द्वारा 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष को राजग की आश्चर्यजनक रणनीति और हथकंडों से निपटने के लिए सभी संभव योजनाओं के लिए तैयार रहना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी, आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन सहित अन्य नेताओं ने अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लिया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी. राजा, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के अध्यक्ष अखिलेश, राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी बैठक में मौजूद थे।
बैठक के बाद ठाकरे ने ‘इंडिया’ नेताओं के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया।
बृहस्पतिवार को बैठक से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां ग्रांड हयात होटल के परिसर में संवाददाता सम्मेलन करके अडाणी मुद्दा उठाया।
अनौपचारिक बैठक शुरू होने से पहले राहुल गांधी को शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत से तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सांसद सुप्रिया सुले एवं पार्टी नेता जयंत पाटिल के साथ बातचीत करते हुए देखा गया।
उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार भी आपस में हल्के-फुल्के अंदाज में बातचीत करते देखे गये।
इससे पहले दिन में, गठबंधन के कई नेताओं ने कहा कि वे देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं।
यह भी पढ़ें |
Maharashtra Political Crisis: संजय राउत का बड़ा ऐलान, यदि विधायक चाहते हैं तो हम महाविकास अघाड़ी गठबंधन से अलग होने को तैयार
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि देश की एकता और संप्रभुता को मजबूत करना तथा संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना समय की मांग है।
राजद नेता ने कहा, ‘‘मोदी सरकार गरीबी, बेरोजगारी और किसान कल्याण के मुद्दों पर ध्यान देने में विफल रही है। ‘इंडिया’ की बैठक में हम एक साझा कार्यक्रम तैयार करने पर काम करेंगे।’’
लालू प्रसाद के पुत्र एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा कि उनके राज्य में पिछले साल अगस्त में ‘महागठबंधन’ सत्ता में आया और उसके बाद लालू प्रसाद तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा विपक्षी मंच तैयार करने के लिए समान विचार वाले सभी दलों को साथ लाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, ‘‘एक साल बाद हम विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की तीसरी बैठक के लिए मुंबई में मिल रहे हैं।’’
यादव ने कहा कि जनता एक उचित विकल्प चाहती है और ‘इंडिया’ उन्हें ये अवसर दे रहा है। उन्होंने कहा कि जनता ‘समाज को बांटने वालों’ को मुंहतोड़ जवाब देगी।
राजद नेता ने कहा, ‘‘अगर हम जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे तो वो हमें माफ नहीं करेगी।’’
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि युवा इस देश की ताकत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक, नेताओं ने युवाओं को दिशा देने का काम किया है और जेएनयू, आईआईएम और इसरो जैसे संस्थान स्थापित किये हैं।’’
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेता लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए साथ आये हैं।
राजद के मनोज झा ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन देश को जोड़ने के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में बहुत सारी चीजें टूट गई हैं, सपने बिखर गए हैं। यह गठबंधन उन्हें समेटने के लिए है, इस देश की चोट को भरने के लिए है।’’
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ‘इंडिया’ को लेकर जनता की जो प्रतिक्रिया आई है उससे प्रधानमंत्री और भाजपा पूरी तरह घबरा गए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान को बचाना और संविधान में निहित अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़नी होगी।