साफ-सफाई की आदत इंदौरवासियों की सोच में शामिल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के लगातार सातवीं बार अव्वल रहने पर प्रसन्नता जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह उपलब्धि साबित करती है कि साफ-सफाई की आदत शहरवासियों की सोच में शामिल हो गई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
इंदौर: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के लगातार सातवीं बार अव्वल रहने पर प्रसन्नता जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह उपलब्धि साबित करती है कि साफ-सफाई की आदत शहरवासियों की सोच में शामिल हो गई है।
‘वेस्ट टू वेल्थ’ की थीम पर केंद्रित 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणियों में देश के 4,400 से ज्यादा शहरों के बीच कड़ी टक्कर थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में दिल्ली में आयोजित समारोह में इंदौर को सूरत के साथ देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया।
मुख्यमंत्री यादव ने इस समारोह में राष्ट्रपति के हाथों इंदौर का पुरस्कार प्राप्त किया।
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इस मौके पर राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर नगर निगम की आयुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थीं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘इंदौरवासियों ने पुनः सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि यह आदत उनकी सोच में भी शामिल हो गई है।’’
यादव ने शहर में साफ-सफाई के काम में लगे कर्मियों को भी बधाई दी और उनसे अपील की कि स्वच्छता के लिए उनका जुनून कभी कम न हो।
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इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के लगातार सातवीं बार अव्वल रहने की उपलब्धि को भगवान राम को अर्पित करते हैं। महापौर ने कहा, ‘‘इंदौर स्वच्छता के मामले में अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व में आदर्श बन गया है।’’
इस बीच, इंदौर नगर निगम परिसर में सफाईकर्मियों ने ढोल की थाप पर नृत्य करके स्वच्छता के क्षेत्र में शहर की कामयाबी का जश्न मनाया। वे इस मौके पर एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार करते भी देखे गए।
राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार सातवीं बार कामयाबी के लक्ष्य के तहत शहरी निकाय ने ‘इंदौर छुएगा स्वच्छता का सातवां आसमान’ का नारा दिया था। इस नारे पर आधारित गीत शहर के घर-घर से कचरा इकट्ठा करने वाली गाड़ियों में बजाया जाता था।