Deoria Murder Case: देवरिया कत्लेआम का काला सच आया सामने, कई बार हुईं विवाद की शिकायतें, टरकाते रहे अफसर, सरकार ने लिया अब ये एक्शन
देवरिया में जमीन विवाद को लेकर एक ही परिवार के पांच लोगों समेत कुल छह लोगों की हत्या के मामले में कथित लापरवाही पर एक उपजिलाधिकारी और एक पुलिस क्षेत्राधिकारी सहित 15 पुलिस और राजस्व कर्मचारियों को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो अक्टूबर को देवरिया में जमीन विवाद को लेकर एक ही परिवार के पांच लोगों समेत कुल छह लोगों की हत्या के मामले में कथित लापरवाही पर एक उपजिलाधिकारी और एक पुलिस क्षेत्राधिकारी सहित 15 पुलिस और राजस्व कर्मचारियों को निलंबित करने के आदेश दिए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जिले की रुद्रपुर तहसील के फतेहपुर गांव में हुई घटना की जांच रिपोर्ट से कर्मचारियों और अधिकारियों की ओर से अपने कर्तव्यों के निवर्हन में काफी लापरवाही बरतने का खुलासा हुआ है।
इसके बाद, मुख्यमंत्री ने एसडीएम योगेश कुमार गौड़, पुलिस क्षेत्राधिकारी जिलाजीत, दो तहसीलदार, तीन लेखपाल, एक थाना प्रभारी, दो उपनिरीक्षक, एक हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल को निलंबित करने का आदेश दिया।
सरकारी बयान के अनुसार, ‘‘...दिवंगत सत्य प्रकाश दुबे द्वारा 'ग्राम समाज' की भूमि पर अवैध कब्जे के संबंध में आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) के तहत कई शिकायतें पुलिस और राजस्व विभाग को ऑनलाइन भेजी गईं थीं और दोनों विभागों के संबंधित अधिकारियों द्वारा इस पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए समाधान नहीं किया गया।’’
पुलिस के अनुसार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव (50) पर उनके प्रतिद्वंद्वी दुबे और उनके परिवार ने धारदार हथियारों से हमला करके उनके घर पर उनकी हत्या कर दी थी।
पुलिस ने कहा कि जवाबी कार्रवाई में अभयपुर के यादव के समर्थकों ने दुबे और उनके बच्चों सहित उनके परिवार के चार सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी।
हमले में दुबे के अलावा उनकी पत्नी किरण दुबे (52), उनकी बेटियों सलोनी (18) और नंदनी (10) और बेटे गांधी (15) की हत्या कर दी गई।