विरासत में मिली हमारी अस्थिर सीमाओं की चुनौतियां हमें उलझाती रहेंगी

डीएन ब्यूरो

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाओं को अप्रत्याशित की अपेक्षा करें की कहावत के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत है। उन्होंने भू-राजनीतिक परिदृश्यों और सुरक्षा चुनौतियों के बारे में सेना के जागरूक रहने की जरूरत पर भी जोर दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

अस्थिर सीमाओं की चुनौतियां
अस्थिर सीमाओं की चुनौतियां


नयी दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाओं को 'अप्रत्याशित की अपेक्षा करें' की कहावत के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत है। उन्होंने भू-राजनीतिक परिदृश्यों और सुरक्षा चुनौतियों के बारे में सेना के जागरूक रहने की जरूरत पर भी जोर दिया।

नागपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि विरासत में मिली अस्थिर सीमाओं की चुनौतियां हमें उलझाना जारी रखेंगी।

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सेना प्रमुख जनरल पांडे की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के बीच आई है।

विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए जनरल पांडे ने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक तरीके से अधिकार को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।

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उन्होंने कहा, ''अप्रत्याशित की अपेक्षा करना एक ऐसी चीज है जो हमारे लिए जरूरी है।''

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सेना प्रमुख पांडे ने कहा, ''ब्लैक स्वान जैसी घटनाएं वैश्विक सुरक्षा के परिदृश्य में उथल-पुथल ला सकती हैं। रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास के बीच जारी संघर्ष के परिणाम अन्य देशों के बीच संबंधों को फिर से परिभाषित करेंगे, जो आने वाले दशकों में विश्व राजनीति को एक नया रंग देंगे।''










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