

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी को जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी है, जिन्हें पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हिरासत में लिया था। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में तमिलनाडु (Tamilnadu) के पूर्व मंत्री (Former Minsiter) वी सेंथिल बालाजी (V Senthil Balaji) को जमानत (Bail) पर रिहा करने की अनुमति दी है, जिन्हें पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के आरोप में हिरासत में लिया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यह फैसला 12 तारीख को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आया है, जिसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी का प्रतिनिधित्व किया और वरिष्ठ अधिवक्ता सुले रोहतगी सिद्धार्थ लारा ने बाल की पैरवी की।
सख्त शर्तो पर मिली जमानत
अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह द्वारा दिए गए फैसले में बालाजी की रिहाई के लिए सख्त शर्तें शामिल थीं। 14 जून को बालाजी की गिरफ़्तारी पिछली AIADMK सरकार में परिवहन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कथित नकद-नौकरी घोटाले से संबंधित थी, ED द्वारा की गई जांच में एक महत्वपूर्ण बिंदु थी।
एजेंसी ने 12 अगस्त को उनके खिलाफ़ 3,000 पन्नों का आरोप पत्र प्रस्तुत किया था। उच्च न्यायालय ने पहले बालाजी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें सार्वजनिक हित पर उनकी रिहाई के संभावित नकारात्मक प्रभाव पर जोर दिया गया था। इसने तर्क दिया कि इस तरह के महत्वपूर्ण मामले में जमानत देने से कानूनी व्यवस्था में जनता का भरोसा कम हो सकता है।