Uttar Pradesh: पत्नी की हत्या में चार साल से जेल में बंद कैदी को सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत
पत्नी की हत्या के मामले में चार साल से जेल में बंद एक कैदी को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: पत्नी की हत्या के मामले में जेल में बंद एक कैदी को सुप्रीम कोर्ट ने विशेष परिस्थितियों में अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने आरोपी को जेल से रिहा करने के साथ ही अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान उसे उचित सुरक्षा मुहैय्या कराने का भी आदेश उत्तर प्रदेश राज्य को दिया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चार बार आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने पत्नी की हत्या के आरोप में चार साल से जेल में बंद आरिफ पुत्र सलीम को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत देने का फैसला सुनाया। आरीफ को उसके भाई मोहम्मद मुर्शिद की शादी में शामिल होने के लिये अंतरिम जमानत दी गई।
पत्नी आसिफा को उतारा मौत के घाट
गाजियाबाद जनपद के चिरोड़ी गांव निवासी आरिफ ने सितंबर 2020 में अपनी पत्नी आसिफा पुत्री मुस्तफा की हत्या कर दी थी। हत्या के इस मामले में गाजियाबाद के लोनी पुलिस थाने में आरिफ के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर संख्या 811/220 दर्ज की। उसके खिलाफ 498 A, 304 B, 323, 504, 506 और 302 का मामला दर्ज किया गया।
जेल में चार साल से बंद
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गाजियाबाद पुलिस ने 21 दिसंबर 2020 को आरिफ के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद आरिफ को अपनी पत्नी आसिफा की हत्या का में जेल भेज दिया। वह पिछले चार सालों से जेल में बंद है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
आरोपी आरिफ के वकील उसके लिये जमानत के लिये चार बार इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंचे लेकिन उच्च न्यायालय ने उसकी जमानत की हर अर्जी खारिज कर दी ।
सुप्रीम कोर्ट ने दिये ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को मामले की सुनवाई के बाद विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हत्या के दोषी आरिफ को भाई की शादी में शामिल होने के लिये 24 अक्टूबर से 7 नवंबर तक की अंतरिम जमानत दी। कोर्ट ने यूपी राज्य को नोटिस जारी कर इस दौरान आरिफ को पर्याप्त सुरक्षा व देखरेख में रखने का आदेश दिया। इसके साथ ही आदालत ने आरिफ को 8 नवंबर को वापस जेल भेजने का भी आदेश दिया।
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सुप्रीम कोर्ट में इन अधिवक्ताओं ने रखा केस
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता आरिफ की तरफ से अधिवक्ता मौ• अनस चौधरी ने बहस की, साथ में अधिवक्ता पुलकित अग्रवाल, अधिवक्ता मौ. शहरयाब अली, अधिवक्ता शहला चौधरी, अधिवक्ता जाज़िब सिद्दीकी अधिवक्ता जय ज्ञान और एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड अनसार अहमद चौधरी उपस्थित रहे।
इस मामले में आरिफ के अधिवक्ताओं ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर आरिफ को बिना किसी बेल बॉंड के अंतरिम जमानत दी। यह मामला एसएलपी के जरिये सुप्रीम कोर्ट लाया गया था।