CM Vs LG: केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जनता और जनतंत्र के खिलाफ बताया

राजधानी दिल्ली में केंद्र और दिल्ली सरकार में चल रही जंग पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जनता और जनतंत्र के खिलाफ बताया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट..

Updated : 14 February 2019, 1:38 PM IST
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दिल्ली: दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बनाम एलजी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ ने अपना फैसला पढ़ा। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद भी मामले में कोई सुधार नहीं हुआ है,लेकिन दो जजों की पीठ ने कुछ मुद्दों पर अपना फैसला सुना दिया है। केंद्र के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे पर दोनों जजों में मतभेद रहा, इसलिए इस मुद्दे को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया है। इस विवाद की सुनवाई जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने की।

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सबसे पहले जस्टिस एके सीकरी ने अपना फैसला पढ़ा। जिसमें उन्होंने कहा कि राजधानी में सभी एक्जीक्यूटिव अधिकार दिल्ली सरकार के पास ही रहेंगे। जिस पर जस्टिस अशोक भूषण ने भी कुछ मुद्दों पर जस्टिस सीकरी के साथ सहमति जताई, लेकिन ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे पर दोनों जजों में मतभेद ही रहा, इसलिए इस मुद्दे को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया है। हालांकि, दिल्ली में जमीन, पुलिस और कानून व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकार केंद्र सरकार के पास ही रहेंगे। हालांकि, ये अभी अंतिम फैसला नहीं है क्योंकि सुनवाई के समय दो जजों की बेंच में मतभेद रहा।

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उसके बाद जस्टिस सीकरी ने अपने फैसले में कहा कि किसी अफसर की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर उपराज्यपाल राज्य सरकार के मंत्रिमंडल की सलाह पर फैसला ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अब दिल्ली सरकार राजधानी में जमीन के सर्किल रेट तय कर सकती है। जिस पर जस्टिस अशोक भूषण ने भी ACB, कमीशन ऑफ इन्क्वायरी के मुद्दे पर जस्टिस सीकरी के फैसले में ही सहमति जताई है। जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि दानिक्स का अधिकार सरकार के पास रहेगा, लेकिन एलजी की सहमति भी जरूरी होगी। अगर कोई विवाद रहता है कि दोनों पक्ष राष्ट्रपति के पास जा सकते हैं।

इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जनता और जनतंत्र के खिलाफ बताया। आगे उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में कोई भ्रष्टाचार करता है तो उन्हें उसपर कार्रवाई करने के लिए बीजेपी के पास जाना पड़ेगा। 

Published : 
  • 14 February 2019, 1:38 PM IST

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