LifeStyle: अचानक वजन कम होना गंभीर बीमारियों का संकेत

डीएन ब्यूरो

बदलती जीवन शैली के कारण जहां मोटापे और उससे कई तरह के रोग होने के प्रति लाेग सचेत रहते हैं वहीं उन्हें अचानक वजन घटने को हल्के से नहीं लेना चाहिये क्योंकि ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है।

फाइल फोटो
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नई दिल्ली: बदलती जीवन शैली के कारण जहां मोटापे और उससे कई तरह के रोग होने के प्रति लाेग सचेत रहते हैं वहीं उन्हें अचानक वजन घटने को हल्के से नहीं लेना चाहिये क्योंकि ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। चिकित्सकों की माने तो अचानक वजन कम होने के प्रति लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है और समय रहते इसके प्रति सजग होने तथा चिकित्सकों द्वारा बतायी गयी जांच और उपचार को अपनाने से स्वस्थ जीवन में आयी रुकावट से बचा जा सकता है। भारत और अमेरिका समेत कई देशों के विशेषज्ञ इस बात से एकमत हैं कि अचानक वजन घटने को हंसी-हंसी में लेना बेहद मंहगा पड़ सकता है।

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार एडिसन डिजीज से ग्रस्त लाेगों की भूख बहुत कम हो जाती है और अचानक उनके वजन में कमी आ जाती है। अध्ययनों से पता चला है कि तनाव भी अचानक वजन कम होने के प्रमुख कारणों में से है। सफदरजंग अस्पताल में नेफ्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष रहे डॉ़ बिन्दु अमिताभ ने बताया कि अचानक वजन कम होना कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। वर्तमान में हमदर्द इंस्टीट्यूट्स ऑफ मेडिकल साइंसेज में मेडिसिन विभाग में प्रोफसर डॉ़ अमिताभ ने कहा ज्यातर लोगों को मोटापे के खतरे के बारे में मालूम है और वे इससे निपटने के लिए व्यायाम योग  खानपान में नियंत्रण और सकारात्मक जीवन शैली अपनाने जैसे उपाय भी करते हैं लेकिन अचानक वजन कम होना भी चिंता का विषय है, इससे शायद कम लोग ही अवगत हैं। मौसम के बदलाव और कभी-कभार नये माहौल में स्वयं को ढ़ालने की प्रक्रिया के दौरान वजन में थोड़ी -बहुत कमी आ सकती है लेकिन इसमें बेवजह अचानक कमी आना ठीक नहीं है। 

उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का यदि छह माह के अंदर बेसलाइन बॉडीवेट से पांच प्रतिशत वजन कम होता है तो उसे तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। चिकित्सक उस व्यक्ति के मेडिकल हिस्ट्री की समीक्षा और हार्मोन पैनल समेत कई आवश्यक जांच करके इसके वास्तविक कारणों का पता करते हैं और उचित उपचार की सलाह देते हैं। डा़ अमिताभ के लेख कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जनरलों में प्रकाशित हो चुके हैं।

उनका मानना है कि मधुमेह, एचआईवी संक्रमण हाइपर थायराइड कैंसर रुमेटिक अर्थराइटिस एडिसन डिजीज इनफ्लेमेट्री बाउल डिजीज एनोरेक्सिया नर्वोसा, तपेदिक संक्रमण आदि बीमारियों के कारण किसी व्यक्ति का वजन अचानक कम हो सकता है। तनाव भी इसका एक बड़ा कारण हो सकता है जिसका उपचार बेहद आवश्यक है। ऐसे लोग अगर नींद आने में परेशानी मूड स्विंग हाथों में कंपन मिचली बार-बार पेट खराब होना पेट दर्द गर्दन में किसी तरह की सूजन जल्दी थकावट एवं कमजोरी समेत किसी तरह की असामान्य स्थिति महसूस करते हैं तो उन्हें तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

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डाॅ़ अमिताभ ने कहा मधुमेह में कई बार किसी तरह के लक्ष्ण सामने नहीं आते हैं इसलिए अचानक वजन कम होने की स्थिति में इसकी जांच करवा लेनी चाहिए। मोटापे को लेकर जरुरत से अधिक सर्तक रहने वाली युवतियां एनोरेक्सिया नर्वोसा से ग्रस्त हो सकती हैं जिसमें कभी-कभी वजन कम होने के बाद इसे बढ़ाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

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वर्ष 2017 में एनआईएच की एक रिपोर्ट के अनुसार अचानक वजन कम होने के मामले को लेकर दो हजार 677 लोगों पर किये गये शोध में सात प्रतिशत मामले अवसाद के थे। अवसाद की स्थिति में शरीर पर कई तरह के हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं जिनमें जीआई ट्रैक की क्रिया प्रभावित होना भी शामिल है। इसके अलावा हाइपोथालम्स और पीयूष ग्रंथि में बदलाव के कारण एड्रेनल ग्रंथ भी प्रभावित हो सकती है जो कोर्टिसोल हार्मोन समेत कई प्रकार के हार्मोन पैदा करती है। कोर्टिसोल हार्मोन रक्त चाप को नियमित रखने ग्लूकोज स्तर को सामान्य रखने और मेटाबाेलिज्म को सही रखने के लिए जिम्मेदार है। (वार्ता)










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