राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दिल्ली HC पहुंचे सुब्रह्मण्यम स्वामी

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बार फिर से चर्चा में हैं। राज्यसभा सांसद डॉ.सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट में उनकी नागरिकता के खिलाफ याचिका दाखिल की है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग
राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग


नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारतीय नागरिकता (Indian citizenship) को लेकर डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी (Subramanian-Swamy) ने दिल्ली हाईकोर्ट (High Court) का रुख किया है। सुब्रह्मण्यम की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की मुश्किलें बढ़ सकती है।

जानकारी के अनुसार पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ.सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है और राहुल की भारतीय नागरिकता रद्द किए जाने की मांग उठाई है।

राहुल गांधी के पास ब्रिटिश पासपोर्ट
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने दावा किया है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता है। उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट है। 

हाई कोर्ट में अगले हफ्ते हो सकती सुनवाई
सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने राहुल की भारतीय नागरिकता रद्द करने के लिए गृह मंत्रालय को निर्देश दिए जाने की मांग की। इस याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। याचिका में सुब्रह्मण्यम स्वामी का कहना है कि उन्होंने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर गृह मंत्रालय को पांच साल पहले शिकायत दी थी। अभी तक गृह मंत्रालय ने ये साफ नहीं किया कि इस मसले पर उसने क्या फैसला लिया है या कार्रवाई की है?

केंद्र सरकार ने राहुल गांधी की जानकारी साझा करने से इनकार
कोर्ट गृह मंत्रालय से उनकी दायर शिकायत पर अब तक की गई कार्रवाई पर स्टेटस रिपोर्ट तलब करे। राहुल की नागरिकता पर आरटीआई से मांगी गई जानकारी की अर्जी के जवाब में केंद्र सरकार ने किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया था।

एक व्यक्ति ने सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय से राहुल की नागरिकता मामले में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में मंत्रालय ने कहा कि आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (एच) और (जे) के तहत कोई खुलासा नहीं किया जा सकता है। जानकारी देने से जांच प्रक्रिया में बाधा पहुंचेगी।










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