सोनभद्र: अंधविश्वास ने छीन ली एक महिला की जॉब.. डायन बताकर नौकरी से निकाला

डीएन संवाददाता

ये 21वीं सदी है। लेकिन फिर भी लगता है हमारे देश में कई लोग 18वीं सदी में जी रहे हैं। अंधविश्वास के नाम पर आज भी औरतों को प्रताड़ित किया जाता है। हाल ही में सोनभद्रा से एक मामला सामने आया है जहाँ पंचायत ने महिला को डायन बताकर सजा के तौर पर नौकरी से निकाल दिया है। डाइनामाइट न्यूज एक्सक्लूसिव..



सोनभद्र:  ये 21वीं सदी है। लेकिन फिर भी लगता है हमारा देश में कई लोग 18वीं सदी में जी रहे हैं। अंधविश्वास के नाम पर आज भी औरतों को प्रताड़ित किया जाता है। ऐसी घटनाएँ सामने आती रहती हैं जहाँ औरतों को  डायन बताकर कभी पीटा जाता है, कभी उनकी जान ले ली जाती है, तो कभी उन्हें अपने ही घर से निकाल दिया जाता है। हाल ही में सोनभद्रा का एक मामला सामने आया है जहाँ एक बेहूदा वजह देकर एक महिला को नौकरी से निकाल दिया गया है। पंचायत ने महिला को डायन बताकर सजा के तौर पर नौकरी से निकाला है।

यह भी पढ़ें: सोनभद्र: गृह कलह से तंग आकर युवक ने लगाई फांसी 

क्या है पूरा मामला

सोनभद्रा जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर म्योरपुर नाम का आदिवासी क्षेत्र है। इस आदिवासी क्षेत्र में खाड़ीटोला नाम का एक गाँव है। यहाँ के खाड़ीटोला प्राथमिक विद्यालय में काम करने वाली एक महिला को डायन बोलकर नौकरी से निकाल दिया गाया। पीड़ित महिला का नाम रामदश है। वह स्कूल में मिड डे मील बनाने का काम करती है। 

पीड़िता का कहना है कि गाँव के ही एक व्यक्ति रामनाथ के डेढ़ वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी थी। इस घटना के लिए उसको डायन कह कर दोषी ठहराया गया। इसके बाद पंचो के सामने पंचायत हुई। मृतक के पिता ने उससे पांच हजार रूपये मांगे। जब रूपये वह नहीं दे पाई तो स्कूल की प्रबंध समिति में शामिल ग्रामीणों ने उसे स्कूल से निकलवा दिया और बच्चों को भी खाना खाने से मना कर दिया। फिलहाल महिला स्कूल नहीं जा रही है।

वहीं स्कूल के सहायक अध्यापक रविशंकर कुमार का कहना है कि महिला पर गलत दोषारोपण किया गया है। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी, जिसमे ग्रामीण और अभिभावक शामिल हैं उनका ही यह निर्णय है । गांव वाले दूसरी दाई या रसोइये को रखना चाहते हैं।

यह भी पढ़ें: सोनभद्र: पिकनिक से लौट रही यात्रियों से भरी मैजिक पलटी.. तीन लोग गंभीर रूप से घायल 

शिक्षा अधिकारी का कहना है
 
इस मामले में प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) रमाकांत राम सरोज का कहना है कि संबंधित अधिकारियों से मामले का ब्यौरा मांगा गया है। उनका कहना है कि प्रकरण एक महिला रसोइये से सम्बंधित है, जिसमे महिला रसोइये को डायन बताकर ग्राम पंचायत ने उसको स्कूल से निकाल दिया है और खाना बनाने से रोक दिया है। उन्होंने कहा है कि मामले का पूरा ब्यौरा मिलते ही जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

 










संबंधित समाचार