Weather: उत्तर भारत के राज्यों में जानिये कैसा है मौसम का हाल
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली: उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण शुक्रवार को बर्फबारी और हल्की बारिश हुई, जिससे सड़कों पर आवाजाही बंद हो गई और उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ। वहीं, मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि देखी गई।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।
हरियाणा और पंजाब के अधिकांश स्थानों पर शुक्रवार को न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड से राहत मिली।
हरियाणा के अंबाला में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि हिसार में न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रोहतक में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस, करनाल में 9.7 डिग्री सेल्सियस, सिरसा में 9.2 डिग्री सेल्सियस और कुरुक्षेत्र में 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हालांकि नारनौल में ठंड का प्रकोप जारी रहा, जहां न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पंजाब के अमृतसर और लुधियाना में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस, पटियाला में 8.6 डिग्री सेल्सियस, पठानकोट में 10.5 डिग्री सेल्सियस, फरीदकोट में 9.5 डिग्री सेल्सियस और मोहाली में 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दूसरी ओर बठिंडा में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में शुक्रवार को बादल छाए रहने की संभावना है, जबकि अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।
आईएमडी के अनुसार, शहर में सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता 83 फीसदी दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह नौ बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 277 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर माना जाता है।
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कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में शुक्रवार को ताजा बर्फबारी होने से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया और घाटी से आने-जाने वाली उड़ानें भी प्रभावित हुईं।
पहलगाम और गुलमर्ग के साथ-साथ अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, पुलवामा, बडगाम, कुपवाड़ा, गांदरबल और श्रीनगर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई।
अधिकारियों के मुताबिक, श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर यातायात की आवाजाही रामबन तथा बनिहाल के बीच बर्फबारी और पत्थर गिरने के कारण बाधित हो गई।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, बर्फबारी और कम दृश्यता के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे पर उड़ानें प्रभावित हुईं।
कश्मीर में न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन पूरी घाटी में पारा जमाव बिंदु से नीचे रहा। बृहस्पतिवार रात श्रीनगर का न्यूनतम तापमान शून्य से 0.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं, काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस नीचे, जबकि कुपवाड़ा में शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। वहीं, अनंतनाग जिले के पहलगाम में पारा शून्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस नीचे और बारामूला जिले के गुलमर्ग में शून्य से 7.6 डिग्री नीचे सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के कारण 19 से 25 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर में बारिश का मौसम रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। शुक्रवार और शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी होने की भी संभावना है। 23 से 25 जनवरी के बीच भारी बारिश होने के भी आसार हैं। साथ ही कश्मीर के मैदानी इलाकों में मध्यम बर्फाबारी और जम्मू के ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी होने के आसार हैं।
कश्मीर में अभी ‘चिल्लई-कलां’ का दौर जारी है। यह 40 दिन तक चलता है, जिसमें कश्मीर घाटी में शीतलहर चलने के साथ ही तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जाती है। इस अवधि में बर्फबारी की प्रबल संभावना रहती है, खासकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है।
‘चिल्लई-कलां’ का दौर 30 जनवरी को समाप्त होगा और उसके बाद 20 दिन का ‘चिल्लई-खुर्द’ शुरू होगा व इस दौरान भी कश्मीर घाटी में शीतलहर जारी रहेगी। फिर 10 दिन का ‘चिल्लई बच्चा’ का दौर रहेगा, तब घाटी में ठंड में कमी आने लगेगी।
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भी शुक्रवार को हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई, जबकि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य भर में रुक-रुककर बारिश होने से 278 सड़क मार्गों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही।
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कुल्लू में जलोड़ी जोत और रोहतांग दर्रे में क्रमशः 60 और 45 सेंटीमीटर, जबकि अटल सुरंग के दक्षिण छोर और चैंसल में 30-30 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई।
चुडधर और डोडरकवार में 25 सेंटीमीटर, खदराला में 16 सेंटीमीटर और शिमला में जाखू चोटी तथा कुफरी के आसपास के क्षेत्रों में तीन से 10 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। मनाली, गोहर और टिंडर में क्रमश: 16 मिलीमीटर, 11 मिलीमीटर और 8.3 मिलीमीटर पानी बरसा, जबकि नाहन और भुंतर में 5.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजमार्ग तीन और 305, रोहतांग दर्रे और जालोरी दर्रे पर यातायात बाधित रहा, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग 505 के ग्राम्फू से लोसर के बीच वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। लाहौल और स्पीति में 177, शिमला में 64, किन्नौर में नौ, चंबा में पांच, कुल्लू में तीन और कांगड़ा तथा सिरमौर जिले में दो-दो सड़कें बंद रहीं।
स्थानीय मौसम विज्ञान कार्यालय ने 26 जनवरी तक क्षेत्र में बारिश, 21-22 जनवरी को अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश व बर्फबारी और 23 जनवरी को मध्य तथा ऊंची पहाड़ियों वाले कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया है।
‘टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष एम के सेठ ने बताया कि राज्य की राजधानी और इसके उपनगरों में ताजा बर्फबारी के बाद शुक्रवार देर शाम तक होटलों के 70 प्रतिशत तक भर जाने की उम्मीद है। अभी होटल 30 प्रतिशत तक भरे हैं।
उत्तराखंड में भूधंसाव की समस्या से जूझ रहे जोशीमठ सहित चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बृहस्पतिवार देर रात से हिमपात हो रहा है, जिससे पूरा क्षेत्र कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, ऊंचाई वाले इलाकों में बृहस्पतिवार देर रात से बर्फ गिरनी शुरू हो गई थी, जो अब तक जारी है। वहीं, निचले इलाकों में हल्की बारिश हो रही है। बारिश और बर्फबारी के साथ राज्य में सर्द हवाएं चल रही हैं, जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
जोशीमठ में शुक्रवार सुबह पहले बारिश और फिर हिमपात शुरू हो गया, जिससे राहत एवं बचाव कार्य में जुटे कर्मियों के साथ ही आपदा पीड़ितों की मुश्किलें भी बढ़ गईं।
मौसम विभाग के अनुसार, बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, औली, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क, फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क और केदारनाथ कस्तूरी मृग अभयारण्य का अधिकतर इलाका बर्फ से ढक गया है।