

लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों का दूसरा चिंतन शिविर बृहस्पतिवार को शुरू हुआ जिसमें कार्यस्थल पर उत्पीड़न की रोकथाम, कार्य उत्पादकता में वृद्धि, एजेंसियों में समन्वय, अभिलेखों के डिजिटलीकरण में बाधाओं को दूर करने सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी।
नयी दिल्ली: लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों का दूसरा चिंतन शिविर बृहस्पतिवार को शुरू हुआ जिसमें कार्यस्थल पर उत्पीड़न की रोकथाम, कार्य उत्पादकता में वृद्धि, एजेंसियों में समन्वय, अभिलेखों के डिजिटलीकरण में बाधाओं को दूर करने सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी।
लोकसभा सचिवालय के एक बयान के अनुसार, अधिकारियों और कर्मचारियों के दो दिवसीय चिंतन शिविर की आज शुरूआत हुई जिसमें भाग लेने के लिए 250 अधिकारियों को नामित किया गया है।
ज्ञात हो कि पहला चिंतन शिविर 24 और 25 अप्रैल 2023 को संसद भवन परिसर में आयोजित किया गया था।
बयान के अनुसार, चिंतन शिविर में प्रतिभागी कार्यस्थल पर उत्पीड़न की रोकथाम, प्रोत्साहन और प्रेरणा के माध्यम से कार्य उत्पादकता में वृद्धि, एजेंसियों में समन्वय, अभिलेखों के डिजिटलीकरण में बाधाओं को दूर करने, लोकसभा में सॉफ्टवेयर एवं तकनीकी साधनों का उपयोग, विभिन्न सॉफ्टवेयरों को अद्यतन एवं एकीकृत करने जैसे विषयों पर चर्चा कर रहे हैं।
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, चिंतन शिविर के उद्देश्यों में रचनात्मक और नयी सोच को प्रोत्साहित करते हुए विभिन्न पदों पर कार्यरत पदाधिकारियों के बीच की दूरी को कम करना, लीक से हटकर समाधान सोचना, शासन में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता लाना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और एक–दूसरे से सीखना आदि शामिल हैं।
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