यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को मिली क्लीन चिट, इन हाउस कमेटी ने खारिज की शिकायत
यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को जांच कर रही तीन सदस्यीय इन हाउस कमेटी शिकायत को खारिज कर दिया है। यह आरोप सामने आने पर उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका खतरे में है। अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिये जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए।
नई दिल्ली: चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न लगाने वाली शिकायत को आज इन हाउस कमेटी ने खारिज कर दिया। जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी के पैनल ने यह फैसला सुनाते हुए बताया कि आरोपों को पुष्ट करने वाले कोई भी सबूत नहीं मिला।
The three member in-house committee of the Supreme Court has found no substance in the sexual harassment allegations against Chief Justice of India Ranjan Gogoi. pic.twitter.com/cG4yVB8ViR
— ANI (@ANI) May 6, 2019
सुप्रीम कोर्ट के इन हाउस कमेटी ने चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को निराधार पाया है। कमेटी
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ने अपनी रिपोर्ट 5 मई को ही वरिष्ठता क्रम में नंबर दो जज, जस्टिस मिश्रा को पेश कर दी गई थी। जिसकी एक प्रति जस्टिस रंजन गोगोई को भी सौंपी गई थी।
इससे पहले आरोप लगाने वाली महिला ने जांच समिति के सामने पेश होने से मना कर दिया था। उसने कहा था कि गंभीर चिंता और आपत्तियों की वजह से मैं आंतरिक समिति की इन कार्यवाहियों में अब भाग नहीं ले रही हूं।
नहीं सार्वजनिक किए जाएंगे सबूत
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सुप्रीम कोर्ट ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि इन हाउस पैनल की जांच के तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के 2003 के नियमों के तहत सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
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मेरे चपरासी के पास भी हैं मुझसे अधिक पैसे
इस मामले पर सीजेआई ने कहा था कि न्यायपालिका को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता है। कुछ लोग सीजेआई के ऑफिस को निष्क्रिय करना चाहते हैं। लोग पैसे के मामले में मुझ पर ऊंगली नहीं उठा सकते क्योंकि मेरे चपरासी के पास भी मुझसे ज्यादा पैसे हैं।