Uttarakhand: देखिये अब क्या स्थिति है उत्तराखंड में, क्या बच पायेगी फंसे लोगों की जान?

डीएन ब्यूरो

चमोली में अभी भी सुरंग की खोदोई कर लोगों को बचाने का काम जारी है। आपदा प्रभावित चमोली में सीमा सड़क संगठन द्वारा बैली ब्रिज बनाया जा रहा है। देखें तस्वीरें डाइनामाइट न्यूज़ पर

बड़ी टनल में से मलबे को हटाया जा रहा है

तपोवन की बड़ी टनल में से मलबे को हटाया जा रहा है, इसके 71 मीटर नीचे एक छोटी टनल है जिसमें ड्रिलिंग का काम कल किया जा रहा था। तब NTPC की तरफ से जानकारी मिली की वहां मलबा है लेकिन वहां पैशर हाई नहीं है तो अब वहां 1 फूट तक ड्रिलिंग की जाएगी।

पुल का फिर से निर्माण

चमोली में आपदा के बाद बह गए पुल का फिर से निर्माण किया जा रहा है। BRO के निदेशक ने बताया, यहां 90 मीटर का एक पुल था जो बह गया है। हमने पहले उसका मलबा साफ किया। युद्धस्तर पर काम चल रहा है। हम बहुत जल्दी इस पुल को तैयार कर देंगे। BRO दिन रात काम कर रहा है।

बीआरओ द्वारा बैली ब्रिज बनाया जा रहा है

आपदा प्रभावित चमोली में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बैली ब्रिज बनाया जा रहा है। बीआरओ के कर्नल बृजेंद्र सिंह सोनी ने बताया कि इस ब्रिज को सबसे तेजी से यहां बनाया जा सकता है। इसके बाद स्थायी रूप से यहां पुल बनाए जाएंगे। यह ब्रिज 200 फीट लंबा है। बाधाओं के बावजूद, इसे बनाने के लिए बीआरओ दिन-रात काम कर रहा है।

डीएम स्वाति एस भदोरिया

चमोली डीएम स्वाति एस भदोरिया ने कहा है कि एनटीपीसी के अनुसार सुरंग के अंदर 136 मीटर तक खोदाई की गई है। लापता 204 व्यक्तियों में से 38 के शव बरामद कर लिए गए हैं।

शुक्रवार को दो शव और मिले

आपदा के छठवें दिन शुक्रवार को दो शव और मिले। रैणी में ऋषि गंगा परियोजना स्थल से मलबे में एक शव, जबकि मैठाणा के पास अलकनंदा नदी किनारे से एक शव और बरामद हुआ। 

सर्च ऑपरेशन जारी

रैनी में सर्च ऑपरेशन जारी है और हम हरिद्वार तक ये सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं क्योंकि कल मैथाना में एक शव मिला था। रैनी के ऊपर जो झील बनी है वहां रैक्की करने के लिए हमने अपनी 8 SDRF की टीम भेजी थी उनके हिसाब से झील से प्रोपर डिस्चार्च आ रहा है तो यह सुरक्षित क्षेत्र है।








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