Republic Day: कैप्टन संध्या के नेतृत्व में कर्तव्य पथ पर इतिहास रचने को तैयार

सेना के तीनों अंगों- थलसेना नौसेना और वायुसेना-की महिलाओं की एक संयुक्त टुकड़ी पहली बार भारतीय सशस्त्र बलों के साथ कदम से कदम मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक कर्तव्य पथ पर मार्च करेगी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 20 January 2024, 8:35 PM IST
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नयी दिल्ली: सेना के तीनों अंगों- थलसेना, नौसेना और वायुसेना-की महिलाओं की एक संयुक्त टुकड़ी पहली बार भारतीय सशस्त्र बलों के साथ कदम से कदम मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक कर्तव्य पथ पर मार्च करेगी।

इतना ही नहीं, पहली बार एक जोड़ा भी कर्तव्य पथ होने वाले परेड में हिस्सा ले रहा है।

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संयुक्त दस्ते का नेतृत्व कर रही 26-वर्षीया कैप्टन संध्या ने अभ्यास सत्र के बाद बताया, ‘‘मैं इस दस्ते का नेतृत्व करने का अवसर पाकर भाग्यशाली महसूस कर रही हूं। यह मेरे साथ-साथ टीम के प्रत्येक सदस्य के लिए गौरव का क्षण है।’’

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इस दल में अधिकतर अग्निवीर और कुछ नियमित रंगरूट हैं। एक सौ अड़तालीस सदस्यों का यह दल ऐतिहासिक क्षण की तैयारी के लिए दिसंबर की शुरुआत से ही राष्ट्रीय राजधानी में पड़ाव डाले हुए है। इससे पहले, उन्होंने दो महीने तक अपने-अपने मूल स्थानों पर अभ्यास किया।

कैप्टन संध्या ने कहा, ‘‘तीनों सेवाओं के प्रशिक्षण अभ्यास एवं प्रक्रियाओं में अंतर के बावजूद, दल ने एक समान लक्ष्य के साथ एकजुट इकाई के रूप में प्रशिक्षण लिया।’’

दिल्ली निदेशालय से एनसीसी कैडेट के रूप में 2017 के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली कैप्टन संध्या ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य हर कदम पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।’’

उन्होंने कहा कि नौसेना और वायुसेना से संबद्ध महिला सैनिकों को शुरुआत में यह काम थोड़ा चुनौतीपूर्ण लगा, क्योंकि तीनों सेवाओं में अभ्यास और प्रक्रियाएं अलग-अलग हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पहला अंतर सलामी को लेकर आता है। नौसेना और थलसेना की तुलना में वायुसेना में हाथ का कोण अलग होता है। इसी तरह, तलवार का कोण भी अलग होता है। उदाहरण के लिए, थलसेना में, यह 45 डिग्री पर होना चाहिए। लेकिन हम सभी ने अच्छा अभ्यास किया है और 23 जनवरी को प्रस्तावित फुल ड्रेस रिहर्सल के लिए तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में महिलाओं की अहम भूमिका है और उनमें असीमित क्षमताएं हैं।

कैप्टन संध्या ने कहा, ‘‘महिला उम्मीदवार अर्द्धसैनिक बलों के दस्ते का नेतृत्व तो कर रही थीं, लेकिन अब जब सरकार ने रक्षा सेवाओं में भी महिला सैनिकों को शामिल करना शुरू किया है, मुझे इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनने का अवसर मिला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा यह पहली बार है कि तीनों रक्षा सेवाओं से महिला सैनिक एकत्र हुई हैं और वे इस साल के गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर मार्च करेंगी।’’

अधिकारियों के अनुसार, 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर 75वां गणतंत्र दिवस समारोह काफी हद तक ‘महिला-केंद्रित’ होगा, जिसका केंद्रीय विषय ‘‘भारत का लोकतंत्र और एक विकसित राष्ट्र’’ बनने का संकल्प है।

रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने शुक्रवार को कहा कि सबसे पहले परेड में भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के साथ 100 महिला कलाकार शामिल होंगी।

उन्होंने कहा कि महिला मार्चिंग टुकड़ियां परेड का प्रमुख हिस्सा होंगी।

रक्षा सचिव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस साल के गणतंत्र दिवस परेड में महिलाओं का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की महिला वैज्ञानिक, योग शिक्षक (आयुष्मान भारत), अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के विजेता और पैरालंपिक पदक विजेता भी विशेष अतिथि के रूप में परेड में शामिल होंगे।

इस बीच, मेजर जेरी ब्लेज और कैप्टन सुप्रीता सी टी भी इस गणतंत्र दिवस परेड में दो अलग-अलग टुकड़ियों के सदस्यों के रूप में कर्तव्य पथ पर मार्च करने वाले पहला जोड़ा बनने को तैयार हैं।

मेजर ब्लेज ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ''गणतंत्र दिवस परेड के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा।''

जून 2023 में शादी करने वाले जोड़े ने कहा कि यह महज संयोग है कि उन्हें इस अवसर पर एक साथ मार्च करने का मौका मिल रहा है।

कैप्टन सुप्रीता ने कहा, ‘‘यह किसी योजना के तहत नहीं हुआ। यह एक संयोग है। शुरुआत में, मैंने अपना चयन परीक्षण दिया और उत्तीर्ण हो गई। फिर मेरे पति भी अपनी रेजिमेंट से चयनित हो गए।’’

वे कॉलेज के दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का हिस्सा थे।