पटना साहिब लोकसभा सीट से मेरा पक्ष सुने बिना नामांकन रद्द करना लोकतंत्र की हत्या: डॉ. शंकर चरण त्रिपाठी
समग्र उत्थान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शंकर चरण त्रिपाठी ने डाइनामाइट न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि सत्ताधारी दल के दबाव में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। हमारी पार्टी ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार की 28 लोकसभा सीटों से उम्मीदवार उतारे थे। जिसमें से 20 का नामांकन बिना किसी ठोस वजह के रद्द कर दिया गया है।
पटना साहिब: समग्र उत्थान पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में तीन प्रमुख हिंदी भाषी प्रदेशों की 28 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि अब उनके केवल 8 उम्मीदवार बचे हैं और 20 का नामांकन खारिज कर दिया गया है। नामांकन खारिज करने के लिए कोई नोटिस या जानकारी भी नहीं दी गई है।
पार्टी अध्यक्ष डॉ. शंकर चरण त्रिपाठी ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि पटना साहिब से उनकी भी उम्मीदवारी का पर्चा खारिज कर दिया गया है। जिसकी उन्हें कोई नोटिस या जानकारी नहीं दी गई। ना ही उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया। इसे वह सत्ताधारी दल के दबाव में उठाया गया कदम बताते हैं।
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गौरतलब है कि पटना साहिब सीट से भाजपा के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा मैदान में हैं। भाजपा प्रत्याशी के दबाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए पर्चा खारिज कर दिया गया है। सभी प्रत्याशियों के पर्चों में मोहर की स्याही हल्की होने, हस्ताक्षरों में गलती जैसी कमियां निकाल कर खारिज किया गया है।
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साथ ही किसी को भी अपना पक्ष रखने के लिए कोई नोटिस या जानकारी भी नहीं दिय गया। यह सत्ता के दबाव में लोकतंत्र की हत्या है। जिसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
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गौरतलब है कि समग्र उत्थान पार्टी के डॉ. शंकर चरण त्रिपाठी ने पटना साहिब से उम्मीदवारी का ऐलान किया था। साथ ही लखनऊ से अमित श्रीवास्तव, प्रयागराज से बृजेश कुमार पिंटू, वाराणसी से दीपक त्रिपाठी, चंदौली से कृष्ण कुमार सिंह, गाजीपुर से वीरेंद्र कुशवाहा, जौनपुर से रमेश दुबे, मिर्जापुर से अरविंद पांडे और धौरहरा से कुंवर पारुल को पार्टी की आरे से उम्मीदवार बनाया गया था।
जिनमें से पटना साहिब के अलावा वैशाली, वाराणसी सहित 20 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों का पर्चा खारिज कर दिया गया है।