RBI Monetary Policy Updates: आरबीआई ने रेपो रेट को रखा बरकरार, जानिये भारतीय अर्थव्यवस्था का ताजा हाल

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार पांचवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 December 2023, 10:43 AM IST
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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार पांचवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा।

साथ ही चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया।’’

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और हमारी आर्थिक बुनियाद सुदृढ़ है।

इसके साथ, एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने के अपने रुख पर कायम रहने का निर्णय किया है।

दास ने कहा, ‘‘वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और हमारी बुनियाद सृदृढ़ है।’’

दास ने कहा, ‘‘ जीएसटी संग्रह, पीएमआई (परजेचिंग मैनेजर इंडेक्स) जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े मजबूत बने हुए हैं। इन सबको देखते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’

आरबीआई ने पहले वृद्धि दर 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।

खुदरा महंगाई दर चालू वित्त वर्ष में 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा गया है।

गवर्नर दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है। 

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