Ratan Tata: जानिए रतन टाटा के सफलता के गुर, जो संवार देंगे आपका जीवन

डीएन ब्यूरो

देश के दिग्गज उद्योगपति रतन नवल टाटा ने बुधवार को देश को अलविदा कह दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जानिए रतन टाटा के सफलता के मूल मंत्र
जानिए रतन टाटा के सफलता के मूल मंत्र


मुंबई: देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप (Tata Group) के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) का बुधवार को निधन हो गया है। उन्होंने बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल (Breach Candy Hospital) में अंतिम सांस ली। उनके निधन (Demise) से पूरे देश में शोक की लहर है। देश की राजनीति, फिल्म, खेल और उद्योग जगत के लोगों ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताया है। रतन टाटा बिजनेस टायकून ही नही बल्कि देश के हित के बारे में बढ़चढ़ कर सोचने वाले महान इंसान थे। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार टाटा समूह की स्थापना रतन टाटा के परदादा जमशेद जी टाटा ने 1868 में मुंबई में की थी। 

रतन टाटा ने दिए युवाओं को गुर मंत्र

रतन टाटा ने 21 साल की छोटी उम्र में ऑटो से लेकर स्टील तक के टाटा समूह के कारोबार की कमान संभाली। उसके बाद अपनी योग्यता के दम पर वे टाटा समूह के चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया था। चेयरमैन बनने के बाद रतन टाटा ने टाटा समूह को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया था। 

रतन टाटा ने 2012 तक टाटा समूह का नेतृत्व किया। चेयरमैन पद से हटने के बाद रतन टाटा को टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया। टाटा संस को उंचाइयों तक पहुंचाने वाले रतन ने युवाओं को सफलता का गुर मंत्र भी दिया है। जानिए उनका दिया जीवन का फलसफा-

1. जीवन में सिर्फ अच्छी शैक्षिक योग्यता या अच्छा करियर ही काफी नहीं है। बल्कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि एक संतुलित और सफल जिंदगी जिएं। संतुलित जीवन का मतलब है हमारा अच्छा स्वास्थ्य, लोगों से अच्छे संबंध और मन की शान्ति, यह सब कुछ अच्छा होना चाहिए।

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2. जीवन उतार-चढ़ाव से भरा होता है, इसकी आदत बना लेनी चाहिए। 

3. दूसरों की नकल करने वाला इंसान थोड़े समय के लिए सफलता तो प्राप्त कर सकता है, लेकिन वह जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ सकता है।

4. दुनिया में इंसान सिर्फ एक मोबाइल के रिचार्ज जैसा है, जो अपनी वैलिडिटी के बाद खत्म हो जायेगा। हर किसी की वैलिडिटी है। अगर आप भाग्यशाली रहे तो कम से कम 50 साल तो जिएंगे ही। इन 50 सालों में सिर्फ 2500 सप्ताहांत होते हैं। क्या तब भी सिर्फ काम ही काम करने की जरुरत है? जीवन को इतना भी कठिन नहीं बनाना चाहिए कि खुशियां हमसे दूर रहें।

5. हमारी गलती सिर्फ हमारी है, हमारी असफलता सिर्फ हमारी है, किसी को इसका दोष नहीं देना चाहिए। हमें गलती से सीखना चाहिए और जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।

6. टीवी का जीवन असली नहीं होता है और न ही जिंदगी टीवी सीरियल की जैसी होती है। असल जीवन में आराम नहीं होता, सिर्फ और सिर्फ काम होता है।

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7. लोहे को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन इसकी खुद की ही जंग इसे नष्ट कर देती है। इसी प्रकार एक व्यक्ति को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता है, लेकिन खुद की मानसिकता उसे बर्बाद कर सकती है। 

8. अच्छी पढ़ाई करने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले अपने दोस्तों को कभी नहीं चिढ़ाना चाहिए। एक समय ऐसा आएगा जब आपको उसके नीचे भी काम करना पड़ सकता है।

9. मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता। मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूं।

10. अगर लोग आप पर पत्थर मारते हैं, तो उन पत्थरों का इस्तेमाल अपना महल बनाने में आप कर लीजिए।

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