चारा घोटाला: लालू यादव की सजा का ऐलान कल

डीएन ब्यूरो

बहुचर्चित चारा घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव समेत 16 आरोपियों की सजा का ऐलान शनिवार को सुनाने का फैसला लिया है। सजा पर आज बहस पूरी हो गयी है।

लालू यादव (फाइल फोटो)
लालू यादव (फाइल फोटो)


रांची: बहुचर्चित चारा घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत लालू यादव समेत 16 आरोपियों की सजा का ऐलान कल शनिवार को दोपहर 2 बजे करेगी। यह मामला चारा घोटाले में देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। आज जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लालू की सजा पर बहस पूरी हुई। 

सीबीआई अदालत ने पिछली सुनवाई में अपना फैसला शुक्रवार तक के लिए टाल दिया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में गुरुवार को दिन में ग्यारह बजे चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिए गए सभी 16 लोगों की सजा की अवधि पर बहस होनी थी, लेकिन सजा का ऐलान नहीं हो सका।

यह भी पढ़ें: चारा घोटाले में लालू यादव समेत 15 दोषी करार, जगन्नाथ मिश्र सहित 7 बरी

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को होतवार स्थित बिरसा मुंडा जेल से सीबीआई अदालत में पेश किया गया।

बता दें कि 23 दिसंबर को रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र सहित 7 को बरी कर दिया था जबकि आरजोडी प्रमुख लालू यादव समेत 15 को दोषी करार दिया गया था। कोर्ट ने तब 3 जनवरी को दोषी पाये गये लोगों को सजा देले का ऐलान किया था। 

यह भी पढ़ें: चारा घोटाला: बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद रहेंगे लालू यादव

जानिये क्या है चारा घोटाला

गौरतलब है कि देश का यह बहुचर्चित चारा घोटाले जनवरी 1996 में उजागर हुआ था, जो 1990 के दौरान उस समय किया गया, जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। इस घोटाले ने बिहार और देश की राजनीति को झकझोर कर रख दिया था। यह घोटाला करीब 950 करोड़ का था।

इस तरह उजागर हुआ चारा घोटाला

बिहार के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे ने जब 1996 में पशुपालन विभाग के दफ्तरों जब छापेमारी की तो यह घोटाला उजागर हुआ। इस छापेमारी में कई ऐसे दस्तावेज मिले, जिनसे पता चला कि 1990 के दशक में ऐसी कंपनियों को सरकारी कोषागार से चारा आपूर्ति के नाम पर पैसे जारी किए गए, जो थी ही नहीं। फर्जीवाड़ा करके सरकारी राजस्व को जमकर लूटा गया था।

यह भी पढ़ें: लालू यादव का चारा घोटाला.. इस तरह हुआ उजागर 

 

2002 से चल रही सुनवाई

चारा घोटाला उजागर हेने के बाद मार्च 1996 में पटना हाई कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच के आदेश दिये थे। हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दी थी। 1997 में सीबीआई ने लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए बिहार के राज्यपाल से औपचारिक अनुरोध किया, जिसे हरी झंडी दी गयी। 2001 में बिहार से अलग होकर नया राज्य बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को झारखंड को ट्रांसफर कर दिया। 2002 से इस मामले में सुनवाई चल रही है।

 

44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट

2012 में चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, जगन्नाथ मिश्र, जेडीयू के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा समेत 31 के खिलाफ बांका और भागलपुर कोषागार में हुई धोखाधड़ी मामले में आरोप तय किए। इस मामले में लालू यादव व जग्गनाथ के अलावा अन्य 22 लोगों के खिलाफ आरोप तय किये जा चुके है। आज इन सभी आरोपियों के खिलाफ अदालत ने फैसला सुनाया। 










संबंधित समाचार