प्रचंड ने भारतीय कंपनियों को ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में निवेश के लिये किया आमंत्रित
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने बृहस्पतिवार को भारतीय कंपनियों को निवेश के लिये आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि खनन, विनिर्माण, कृषि, ऊर्जा, पर्यटन, बुनियादी और सूचना प्रद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में व्यापार के काफी अवसर हैं।
नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने बृहस्पतिवार को भारतीय कंपनियों को निवेश के लिये आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि खनन, विनिर्माण, कृषि, ऊर्जा, पर्यटन, बुनियादी और सूचना प्रद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में व्यापार के काफी अवसर हैं।
उन्होंने कहा कि नेपाल प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, बड़ी संख्या में मानव पूंजी, अनुकूल नीतियों, बाजार और नियामक ढांचे के साथ निवेश के लिये एक आकर्षक गंतव्य है।
प्रचंड ने उद्योग मंडल सीआईआई के भारत-नेपाल व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘नेपाल और भारत के अलावा कोई भी देश इस तरह की घनिष्ठ मित्रता और गहरी सांस्कृतिक समानता को साझा नहीं करता है। यह समानता एक उत्साहजनक पसंदीदा कारोबारी परिवेश प्रदान करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, दोनों सरकारें विकास परिदृश्य को बदलने के लिये साहसिक फैसलों के साथ आगे बढ़ रही हैं। निजी क्षेत्र को भी इस पर गौर करते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि वे विकास के एक शक्तिशाली इंजन है।’’
प्रचंड ने कहा कि नेपाल में खनन, विनिर्माण, कृषि, ऊर्जा, पर्यटन, बुनियादी ढांचे और होटल एवं संबंधित उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के अवसर हैं।
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उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल की विदेश निवेश नीति उदार है और उनकी सरकार ने विदेशी निवेश के लिए लगभग हर क्षेत्र को खोल दिया है।
प्रचंड ने कहा कि नेपाल अभी औद्योगीकरण के प्रारंभिक चरण में हैं। हर क्षेत्र में निवेश लाभदायक है।
उन्होंने कहा कि नेपाल में कम सीमा शुल्क, सरल कर व्यवस्था और आय अपने देश भेजने की छूट है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम आपको निवेश की पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन देते हैं। हम अपनी निवेश व्यवस्था में सुधार जारी रखेंगे। हमने एफडीआई मंजूरी के लिये एक स्वचालित मार्ग रखा है। नेपाल केंद्रीय बैंक ने सात दिनों के भीतर आय स्वदेश भेजने को मंजूरी देता है। नेपाल का निवेश बोर्ड एक ही जगह सभी सेवा प्रदान करता है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचा सीमा पार निवेश और उद्योगीकरण का अवसर प्रदान करता है।
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इस कार्यक्रम में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों देशों के एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझाले उद्यम) के लिये सहयोग बढ़ाने की काफी संभावनाएं है।
दोनों देशों के बीच 2022-23 में व्यापार 8.9 अरब डॉलर का था जो 2021-22 में 11 अरब डॉलर का था।