Pariksha Pe Charcha With PM Modi: पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा में छात्रों को दिये खास एग्जाम टिप्स, जानिये ये बड़ी बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में देश भर के लाखों छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में बच्चों को टिप्स देने के साथ कई बातें साझा कर रहे हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

परीक्षा पे चर्चा में पीएम मोदी
परीक्षा पे चर्चा में पीएम मोदी


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर के लाखों छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में कई बातें साझा कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बच्चों को कई एग्जाम टिप्स दिये और उनके साथ कई रोचक व सीख देने वाली बातें साझा की।

38 लाख से ज्यादा छात्र, 155 देश

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इस साल 38 लाख से ज्यादा छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिसमें 155 देशों के छात्र भी शामिल हैं। हालांकि अधिकतर भारतीय मूल के हैं। कई छात्र ऑनलाइन भी इस कार्यक्रम से जुड़े हैं। परीक्षा पे चर्चा में भाग लेने के लिये तालकटोरा स्टेडियाम 200 छात्र और शिक्षक शामिल हो रहे हैं। इनमें कला उत्सव प्रतियोगिता के लगभग 80 विनर्स और देश भर के 102 छात्र और शिक्षक शामिल हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये पीएम मोदी की परीक्षा पे चर्चा की कुछ खास बातें।

कोई भी एग्‍जाम जीवन का अंत नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी एग्‍जाम जीवन का अंत नहीं होता। हमें तनाव से मुक्ति का संकल्‍प लेना होगा। परिणाम के तनाव को मन में लेने की जरूरत नहीं है। यदि हम अपने सामर्थ्‍य पर ध्‍यान देते हैं, तो तनाव नहीं होता। जीवन के स्‍टेशन में एक ट्रेन छूट गई तो दूसरी आएगी।

यह भी पढ़ें | Pariksha Pe Charcha 2024: परीक्षा पे चर्चा में छात्रों से PM मोदी ने कहा- यह कार्यक्रम मेरे लिए एक परीक्षा की तरह है

काम को प्राथमिकता दें
पीएम मोदी ने सलाह देते हुए कहा कि समय प्रबंधन केवल परीक्षाओं के लिए ही नहीं, बल्कि आपके दैनिक जीवन में भी महत्वपूर्ण है, बस अपने काम को प्राथमिकता दें।

डिजिटल फास्टिंग
पीएम मोदी ने बच्‍चों से कहा कि हमारे आरोग्‍य शास्‍त्र में फास्टिंग का मंत्र है. बदलते समय में अब हमें डिजिटल फास्टिंग की जरूरत है. अब हम देख रहे हैं कि एक ही घर में मां, बाप, बेटा सब अपने अपने मोबाइल में व्‍यस्‍त रहते हैं. पहले लोग यात्रा करते समय गप्‍पे मारते थे, मगर अब मोबाइल में लग जाते हैं. आपको अपने घर में भी एक एरिया तय करना चाहिए जिसे नो टेक्‍नोलॉजी जोन कहा जाए।

दबाव के दबाव में न रहें
आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आप से नई अपेक्षा करेगा। चारों तरफ से दबाव होता है, लेकिन क्या हमें इस दबाव से दबना चाहिए? ऐसे ही आप भी यदि अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप भी ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबाव के दबाव में ना रहें।

अधिक से अधिक भाषाएं सीखें
भारत विविधताओं से भरा देश है. हमारे पास सैंकड़ो भाषाएं है। ये हमारी समृद्धि है। कम्‍यूनिकेशन एक बहुत बड़ी शक्ति है। जैसे हम सोचते हैं प्‍यानो या तबला सीखूं, तो ऐसे ही अपने पड़ोस के किसी राज्‍य की भाषा भी सीखनी चाहिए।

यह भी पढ़ें | Pariksha Par Charcha 2024: परीक्षा पे चर्चा में प्रधानमंत्री ने छात्रों को बताई ये ज्ञान की बातें, जानिए क्या हैं ये गुरु मंत्र

तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषा
पीएम मोदी ने कहा कि क्‍या आपको पता है कि हमारी तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। इतनी बड़ी अमानत हमारे पास है। यह गर्व की बात है। जितनी सहजता से बाकी चीजें आती है, उतनी ही सहजता से भाषा भी आनी चाहिए। जितना हो सके उतनी भाषाएं सीखें।

नकल से बचें, डगर-डगर पर परीक्षा
चीटिंग को लेकर पूछे एक सवाल में पीएम मोदी ने कहा कि कुछ छात्र नकल करने के तरीके ढूंढने में तेज होते हैं। ऐसे छात्र छोटे-छोटे अक्षरों की पर्चा बनाते हैं। इसके बजाय ऐसे छात्रों को इस टैलेंट का इस्तेमाल सीखने में लगाना चाहिए। छात्र ये बात समझ कर चलें कि अब जिंदगी और जगत बहुत बदल चुका है। आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है। इसलिए जो नकल करने वाला है वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा, लेकिन जिंदगी कभी पार नहीं कर पाएगा।

कई छात्र गर्व से कहते होंगे कि मैंने टीचर को बेवकूफ बना दिया। मूल्यों में खतरनाक बदलाव आया है। कूछ स्कूल या टीचर, जो ट्यूशन देते हैं। उनको लगता है कि मेरा छात्र अच्छे नंबर से पास हो जाए, तो वे उनको मदद करते हैं।

देशों की आर्थिक स्थिति की चर्चा
पीएम ने कहा, दुनिया में देखिये, जो लोग बहुत सफल हुए हैं, वे भी सामान्‍य ही हुआ करते थे। इस समय पूरे विश्‍व में देशों की आर्थिक स्थिति की चर्चा हो रही है। ऐसा नहीं है कि दुनिया में अर्थशास्त्रियों की कमी नहीं है। आज दुनिया आर्थिक मोर्चे पर भारत की तरफ देख रही है। अभी तक ऐसा ही कहा जाता था कि भारत में अर्थशास्त्रियों की कमी है, प्रधानमंत्री को भी कोई ज्ञान नहीं है। मगर अब ये सामान्‍य ही असामान्‍य हो गया है।










संबंधित समाचार