घरों और राशन की दुकानों से चावल खाने वाले हाथी को छोड़ा गया पेरियार बाघ अभयारण्य
घरों और राशन की दुकानों में घुसकर चावल खाने वाले ‘अरिकोम्बन’ नामक हाथी को रविवार सुबह पेरियार बाघ अभयारण्य के भीतरी इलाकों में छोड़ दिया गया। वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इडुक्की: घरों और राशन की दुकानों में घुसकर चावल खाने वाले ‘अरिकोम्बन’ नामक हाथी को रविवार सुबह पेरियार बाघ अभयारण्य के भीतरी इलाकों में छोड़ दिया गया। वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक वन अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि हाथी को रेडियो कॉलर लगा हुआ है और उससे संकेत मिल रहे हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें रेडियो कॉलर से संकेत मिल रहे हैं। बाघ अभयारण्य से उसकी स्थिति पर नजर रखी जाएगी। वह पूरी तरह स्वस्थ है।’’
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अधिकारी ने कहा कि हाथी को शनिवार शाम बेहोश कर ट्रक से बाघ अभयारण्य ले जाया गया। हाथी को काबू करने का अभियान शनिवार सुबह तड़के शुरू हुआ और 12 घंटे से अधिक समय के बाद इसमें सफलता मिली।
अधिकारी ने कहा कि अभियान में बड़ी संख्या में वनकर्मी और चार कुमकी (प्रशिक्षित) हाथी शामिल थे। उन्होंने कहा कि पहले दिन हाथी को काबू में करने का प्रयास नाकाम रहा।
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अधिकारियों ने यह भी कहा कि इडुक्की के चिन्नकनाल और संथनपारा क्षेत्रों से बाघ अभयारण्य तक की यात्रा में बारिश के कारण जंगल की सड़कें कीचड़युक्त हो जाने की वजह से कुछ समय लगा। ‘अरिकोम्बन’ हाथी ने चिन्नकनाल और संथनपारा क्षेत्रों में मानव बस्तियों को नुकसान पहुंचाया था।
‘अरिकोम्बन’ को चिन्नकनाल से निकालने और प्रशिक्षित करने के प्रयासों को लेकर विवाद भी हुआ। एर्नाकुलम जिले के कोडानाड हाथी प्रशिक्षण केंद्र में इसे कुमकी हाथी बनाने के लिए पकड़ने और वश में करने के वन विभाग के कदम को लेकर कुछ पशु अधिकार संगठनों ने विरोध जताया था। इन संगठनों ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसपर सुनवाई करते हुए पीठ ने विभाग के कदम पर रोक लगा दी थी।