Cyclone Migjaum: मिगजॉम चक्रवात के सैलाब से संकट में फंसे चेन्नई के लोग, जानिये वहां की ताजा स्थिति

डीएन ब्यूरो

चेन्नई और उसके आसपास के जिलों में चक्रवात ‘मिगजॉम’ द्वारा भारी तबाही मचाने के दो दिन बाद बुधवार को भी स्थानीय लोगों को जलभराव और बिजली कटौती की समस्या से जूझना पड़ा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कई क्षेत्रों में जलभराव
कई क्षेत्रों में जलभराव


चेन्नई: चेन्नई और उसके आसपास के जिलों में चक्रवात ‘मिगजॉम’ द्वारा भारी तबाही मचाने के दो दिन बाद बुधवार को भी स्थानीय लोगों को जलभराव और बिजली कटौती की समस्या से जूझना पड़ा। स्थानीय एजेंसियों के कर्मचारियों ने राहत और पुनर्वास के प्रयास तेज कर दिये हैं।

सरकार ने कहा कि कुछ इलाकों में बिजली के तार पानी में गिरने के कारण ‘‘एहतियाती उपाय’’ के तौर पर बिजली काटी गयी है जबकि सामान्य स्थिति बहाल किए जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

चेन्नई में एक और दिन सात दिसंबर के लिए स्कूलों तथा कॉलेजों में छुट्टी घोषित की गयी है।

चक्रवात के असर से हुई भारी बारिश के कारण वेलच्चेरी और तांबरम सहित कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी। बुधवार को भी लोगों को जलभराव वाले इलाकों में अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाते देखा गया। अपने बच्चों को लेकर लोगों को सड़कों पर घुटनों तक भरे पानी के बीच से गुजरना पड़ा।

लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए और अधिक नौकाएं भेजने सहित अन्य मदद के लिए गुहार लगायी।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बारिश से प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया और शहर के एक राहत केंद्र में आश्रय ले रहे लोगों को भोजन और आवश्यक सामग्री वितरित कीं। उन्होंने शहर के स्थानीय निकाय द्वारा जल निकासी के लिए किये जा रहे प्रयासों का भी जायजा लिया।

उन्होंने केंद्र को पत्र लिखकर हालात से निपटने के लिए 5,060 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत राशि जारी करने मांग की है।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कई लोगों ने रिहायशी इलाकों में जलभराव के वीडियो साझा किये और दावा किया कि कई लोग अपने घरों में फंसे हुये हैं।

सोशल मीडिया मंच पर ‘हैशटैग’ वेलच्चेरी से संबंधित कई पोस्ट किये गये।

एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने पोस्ट कर इस बात पर अफसोस जताया कि उनके रिश्तेदार पिछले तीन दिन से बिना बिजली, पानी और दूध के अपने घर में बंद हैं।

वेलच्चरी और तांबरम सहित कई अन्य प्रभावित इलाकों में लोग दूध की आपूर्ति में देरी की शिकायत कर रहे हैं और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि दूध को अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है।

किलपौक और कट्टुपक्कम सहित शहर के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है।

राज्य सरकार ने कहा कि राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और आधी रात के दौरान भी कई प्रभावित इलाकों में लोगों को नौकाओं के जरिए निकाला गया।

स्थानीय एजेंसी ने बताया कि ग्रेटर चेन्नई नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी बचाव और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने बचाव और राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किये हैं।

शहर की पुलिस ने बुधवार को बताया था कि बारिश से संबंधित घटनाओं में छह लोगों की मौत की सूचना मिली है जबकि शहर के विभिन्न इलाकों में पुलिस ने कई लोगों को सुरक्षित निकाला है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि जिन लोगों को बचाया गया उनमें वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएं और एक महिला तथा उसका नवजात शिशु भी शामिल हैं।

हवाई अड्डे पर विमानों के संचालन में कोई रुकावट नहीं आयी, जबकि दक्षिण रेलवे ने कई रेल सेवाओं को रद्द करने और कई के मार्ग में परिवर्तन करने की घोषणा की।

हालांकि, दक्षिण रेलवे ने चेन्नई एषुंबूर-चेंगलपेट रेल मार्ग पर 30 और चेन्नई बीच-अरक्कोणम मार्ग पर 45 मिनट की आवृत्ति के साथ उपनगरीय सेवाओं को बहाल करने की घोषणा की गई। यह भी कहा गया है कि तिरुवोट्टियूर-सूलूरुपेट लाइन पर रेल सेवाएं प्रति घंटे के अंतराल पर संचालित की जाएंगी।

राज्य के मुख्य सचिव शिव दास मीणा ने पत्रकारों को बताया कि शहर के कई हिस्सों में जल निकासी की जा रही है। जहां पानी निकाला गया है वहां सड़कों को साफ किया जा रहा है जबकि पेयजल की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है।

उन्होंने यहां पत्रकारों को बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मी राहत एवं पुनर्वास गतिविधियों में शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जलभराव वाले इलाकों में भोजन के पैकेट, ब्रेड और दूध की आपूर्ति की जा रही है जबकि पेरुम्बक्कम और वरदराजपुरम में अत्यधिक प्रभावित इलाकों में नौकाओं को तैनात किया गया है और वरिष्ठ अधिकारी राहत प्रयासों पर नजर रख रहे हैं।’’

विभिन्न इलाकों में 200 से अधिक नौकाओं को काम में लगाया गया है।

अधिकारी ने कुछ इलाकों में अभी तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं किए जाने पर कहा कि किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए ‘‘एहतियातन कदम’’ के तहत यह किया गया है क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि किसी को क्षति पहुंचे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम बिजली आपूर्ति के लिए तैयार हैं लेकिन किसी की जान को नुकसान नहीं होना चाहिए, किसी पर असर न पड़े, कोई दुर्घटना न हो। जहां भी बिजली की केबल पानी में हैं तो वहां एहतियातन कदम के तौर पर बिजली आपूर्ति बहाल करने में देरी है।’’

उन्होंने बताया कि जल स्तर कम होने पर स्थिति बेहतर हो जाएगी।

बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में 372 राहत केंद्रों में करीब 41,400 लोग रह रहे हैं और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। बहुत ज्यादा प्रभावित चार जिलों चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपेट में 800 से अधिक इलाके जलमग्न हैं और करीब 19,000 लोगों को वहां से निकालकर राहत शिविरों में ले जाया गया है।

मीणा ने बताया कि उत्तर और दक्षिण चेन्नई में कुछ इलाकों में विमान के जरिए भोजन के पैकेट गिराए गए हैं।

इस बीच, दुग्ध व डेयरी विकास मंत्री मानो थंगाराज ने खुदरा कीमत से अधिक कीमत पर दूध बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।










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