

हरियाणा के हिसार में विरोध प्रदर्शन करने के एक दिन बाद कई जूनियर पहलवान, उनके माता-पिता और कोच गुरुवार को यहां भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मुख्यालय पहुंचे और एशियाई खेलों के ट्रायल से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को दी गई छूट वापस लेने की मांग की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: हरियाणा के हिसार में विरोध प्रदर्शन करने के एक दिन बाद कई जूनियर पहलवान, उनके माता-पिता और कोच गुरुवार को यहां भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मुख्यालय पहुंचे और एशियाई खेलों के ट्रायल से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को दी गई छूट वापस लेने की मांग की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पहलवानों के परिजनों सहित लगभग 150 लोग आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा और तदर्थ पैनल के प्रमुख भूपेंद्र सिंह बाजवा से मिलने की मांग कर रहे हैं।
उदीयमान खिलाड़ी अंतिम पंघाल के कोच विकास भारद्वाज ने कहा,‘‘ हम सभी आईओए के शीर्ष अधिकारियों से मिलना चाहते हैं। हम किसी भी तरह के पक्षपातपूर्ण फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे। यह गलत है। हम यहां पैनल से यह आग्रह करने आए हैं कि वह बजरंग और विनेश को दी गई छूट वापस ले। ’’
मौजूदा अंडर-20 विश्व चैंपियन पंघाल और अंडर 23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने तदर्थ समिति के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे अनुचित और अन्यायपूर्ण करार दिया था और दावा किया था कि अगर ट्रायल्स में उनका मुकाबला बजरंग और विनेश से होता है तो वे उन्हें हराने में सक्षम हैं।
ये दोनों हालांकि प्रदर्शन करने के लिए ओलंपिक भवन नहीं पहुंचे थे।
बाजवा की अगुवाई वाले आईओए के तदर्थ पैनल में मंगलवार को ट्रायल के मानदंड घोषित करते हुए कहा था कि सभी भार वर्गों में ट्रायल्स होंगे लेकिन उन्होंने पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग में पहले ही पहलवानों का चयन कर लिया है।
पंघाल और सुजीत ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके बजरंग और विनेश को दी गई छूट को वापस लेने के लिए आईओए को निर्देश देने की मांग की है।
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