

वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा आज संसद में बजट पेश करने के बाद विपक्षी पार्टियों के नेता सरकार को घेरते हुये बयानबाजी करने लगे। बजट को लेकर नेताओं ने क्या कुछ कहा जानने के लिये पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: वित्त मंत्री सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया। इस बजट के पेश होने के बाद विपक्ष के नेताओं से डाइनामाइट न्यूज की टीम ने जब उनसे बात की तो कुछ लोगों ने इस बजट को सराहनीय बताया। वहीं कुछ नेताओं ने इस बजट को महज एक जुमला बताया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक राष्ट्रीय लोक दल के प्रवक्ता अंकुर सक्सेना ने कहा कि यह पहला बजट आम जनमानस की दृष्टि से एक ऐतिहासिक बजट है। इस बजट में युवाओं महिलाओं और किसानों के लिए एक ऐतिहासिक प्रावधान किया गया है। इस बजट से हर व्यक्ति हर घर हर छत का सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा कि सौ करोड़ रुपये लोन जो सरकार बिना गारंटी के देगी उससे उद्योग बढ़ेंगे और जब उद्योग बढ़ेंगे तो रोजगार भी बढेंगें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक दल इस ऐतिहासिक बजट का स्वागत करता है।
बजट को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता लोलारक उपाध्याय से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि यह बजट देश को धोखा देने वाला बजट है। नौजवानों के लिए कुछ भी नहीं है। यह बजट मात्र बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए है, क्योंकि सरकार को अपनी कुर्सी बचानी है। वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुछ भी कर सकती हैं, चाहे देश रहे या ना रहे इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बजट जनता को धोखा देने वाला बजट है। यह बजट केवल उद्योगपतियों के लिए है।
इस मामले में नेता सुभाष यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि यह बजट खोखला बजट है। यह बजट केवल चंद्रबाबू नायडू और नीतीश को खुश करने वाला बजट है। यह सरकार बैसाखी पर टिकी हुई है और इसे बचाने में सरकार लगी हुई हैं। यह बजट शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य पर होता तो बेहतर होता।
लालजीत यादव ने कहा कि यह बजट पूंजि पतियों का बजट है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया है। इस बजट पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन किसी भी बेरोजगार को रोजगार नहीं मिला। 10 करोड़ नहीं तो कम से कम 5 करोड़ लोगों को तो रोजगार दे देना चाहिए था।
इस बजट को लेकर कांग्रेस नेता विनोद राय ने कहा कि इस बजट में बेरोजगारी, सड़क और रेलवे लाइन कुछ भी नहीं है। यह बजट केवल और केवल जुमला बनकर रह गया है। इससे किसी भी गरीब नौजवान को लाभ मिलने वाला नहीं है।