

यूपी बोर्ड परीक्षा ने नकलविहीन के खिलाफ परीक्षा नीति में बड़ा बदलाव किया हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रयागराज: यूपी बोर्ड की परीक्षा सोमवार यानी 24 फरवरी से शुरू हो चुकी है और पहले ही दिन ढाई लाख अधिक परीक्षार्थी एग्जाम के दौरान अनुपस्थित रहे। जबकि 14 परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़े गए।
इस मामले के चलते यूपी बोर्ड ने एक बड़ा एक्शन लिया और कहा कि जो भी परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़े जाएंगे उनके खिलाफ मुकादमा दर्ज नहीं होगा, बल्कि कुछ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवादताओं के अनुसार, यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने वाले परीक्षार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। बल्कि ऐसे परीक्षार्थियों के साथ संबंधित प्रश्नपत्र की कॉपी का मूल्यांकन नहीं करने समेत अन्य कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश सरकार ने परीक्षा नीति में बदलाव करके नकलविहीन पर कठोर कार्रवाई के दूसरे तरीके लाई है। दरअसल, बोर्ड परीक्षा के सचिव भगवती सिंह की ओर से एक पत्र जारी किया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि अब 15 जुलाई 2025 को लागू हुए यूपी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियन के प्रावधान परीक्षार्थियों पर लागू नहीं होंगे। यह फैसला छात्रों के भविष्य को देखते हुए लिया गया है, ताकि आपराधिक अड़चने उनसे दूर रहे।
वहीं, अधिनियन की धारा तीन में लिखा है कि ह्यइस अधिनियम सहित किसी बात को बताते हुए भी इस अधिनियम के प्रावधान तकनीकी, शैक्षणिक समेत अन्य योग्यताओं को हासिल करते समय किसी सार्वजनिक परीक्षा में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स पर लागू नहीं होंगे। बोर्ड सचिव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों एवं जिला विद्यालय के निरीक्षकों को यह भेज दिया है।
बोर्ड परीक्षा के इस बड़े एक्शन में जो भी परीक्षार्थी नकल करते हुए और अनुचित साधनों का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उनकी उत्तर पुस्तिका का मूल्याकांन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा परीक्षार्थी का एग्जाम रिजल्ट परीक्षा प्रधिकारी से पहले तय नियमों के साथ घोषित किया जाएगा।