इस बार काशी करेगी प्रवासी भारतीयों का स्वागत, विदेश मंत्री और सीएम योगी ने की वेबसाइट लॉन्च

डीएन ब्यूरो

वाराणसी में होने वाले 15वें प्रवासी दिवस को लेकर शनिवार को दिल्ली के नेहरू भवन में प्रवासी भारतीय दिवस 2019 की वेबसाइट को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मिलकर इसकी वेबसाइट को लॉन्च किया। वाराणसी में होने वाले इस सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों के लिए इस बार होगा बहुत कुछ खास । डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट



नई दिल्लीः राजधानी के जवाहर लाल नेहरू भवन दिल्ली में शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी भारतीय दिवस 2019 की वेबसाइट को लॉन्च किया। इस मौके पर विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह, यूपी की मंत्री स्वाति सिंह समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। इस बार काशी में  प्रवासी भारतीयों का स्वागत किया जायेगा, जिसके लिये एमओयू भी हस्ताक्षरित किये गये। 

इस मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से वाराणसी में होने वाले 15वें प्रवासी दिवस के बारे में भी जानकारी दी गयी। मनोज कुमार महोपात्रा जेएएओआईए-2 और राजेश कुमार सिंह एनआरआई, उत्तर प्रदेश ने एमओयू को एक्सचेंज भी किया। कार्यक्रम को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सीएम योगी समेत विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भी संबोधित किया। 

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प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर बोलीं सुषमा स्वराज

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मौके पर यूपी के सीएम आदित्यनाथ और विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह, उत्तर प्रदेश में प्रवासी भारतीय कार्यालय की जिम्मेदारी संभाल रही स्वाति सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव का स्वागत किया। 

स्वराज ने प्रवासी भारतीय दिवस की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2003 में प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने प्रवासी भारतीय जो विदेशों में रहते हैं उनके नाम पर एक दिन रखने का विचार किया। इस पर महात्मा गांधी जो भारत के प्रमुख प्रवासी भारतीय थे। 

उनके दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के दिन यानी 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया। इसलिए 9 जनवरी 2003 से प्रवासी भारतीय दिवस तब से मनाया जा रहा है। जबकि 2004 में एनडीए की सरकार जाने के बाद भी यह दिवस लगातार मनाया गया। 

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अलग-अलग विषयों पर होती है वार्तालाप

वहीं 2015 में महात्मा गांधी के वापस लौटने का 100वां वर्ष था इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी के गृह राज्य गांधीनगर में इसे शताब्दी वर्ष के रूप में भव्य तरीके से मनाया गया। लेकिन यह सिर्फ कार्यक्रमों तक ही सीमित रहा, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सुषमा स्वराज ने एक नया सुझाव रखा। 

तब से प्रवासी भारतीयों के साथ अलग- अलग विषयों पर वार्तालाप करने के लिए विदेशों में रहने वाले भारतीयों को इस सम्मलेन में बुलाया जाता है। वहीं अब यह कार्यक्रम वाराणसी में हो रहा है इसलिए उत्तर प्रदेश इस बार भागीदारी राज्य है। 

 कार्यक्रम की तिथियों में हुआ फेरबदल 

 सुषमा स्वराज ने कहा कि इसलिए योगी आदित्यनाथ इस सम्मेलन में शामिल हुए है। उन्होंने कहा इस पर कार्यक्रम में कुछ परिवर्तन हुए है। जिसमें तिथि में फेरबदल किया गया हैं क्योंकि 15 जनवरी से कुंभ का आयोजन किया जा रहा है इसलिए इसकी तारीख में बदलाव किया गया है। वहीं गणतंत्र दिवस की परेड को देखते हुए भी 21,22,23 जनवरी को रखा गया है।   

 15वें प्रवासी भारतीय दिवस की तैयारियों को लेकर बोले योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर 15वें प्रवासी भारतीय दिवस से संबंधित एमओयू के साइन होने पर स्वागत किया। योगी ने पीएम मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि उन्होंने 15वें प्रवासी भारतीय दिवस के लिए देश- दुनिया के सबसे प्राचीन सांस्कृतिक नगरी काशी का चयन किया इसके लिए धन्यवाद। योगी ने कहा कि यह प्रदेश के लिए एक बड़ा मौका रहेगा कि उत्तर प्रदेश अपने अतिथियों को प्रदेश की संस्कृति से रूबरू करवा सकेगा। 

वहीं योगी ने कहा वह इससे पहले मॉरीशस में हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन में गए थे, जिसमें उन्हें भारत की विरासत को संजीदगी से सजोने वाले भारतीयों को देखकर गर्व हुआ था। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से गए हुए वे मॉरीशस के वासी आज भी गांवों में काली मां का स्थान और भोजपुरी पंरपरा को वितपरीत परिस्थतियों में भी सजोकर रखा है। यह अपने आप में अद्भुत है। इसलिए उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी में होने वाला यह 15वां प्रवासी भारतीय सम्मलेन बहुत ही ऐतिहासिक होगा। यह उत्तर प्रदेश से गए भारतीयों को जोड़ने के लिए भी अहम होगा।   

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वहीं काशी में अतिथियों के लिए ‘अतिथि देवो भव’ के लिए काशी में खासतौर पर तैयारियां की जा रही है। इसके लिए काशी में रहने वाले लोग प्रवासी भारतीयों को अपने- अपने घरों में ठहराने के लिए तैयार है। वहीं उनके ठहरने के लिए होटलों को भी बुक किया गया है। साथ ही प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भारतीय संस्कृति की विरासत को प्रस्तुत करने के लिए विशेष तैयारी की गई है। यहां प्रवासी भारतीय वहीं दिवगंत प्रधानमंत्री अटल जी की भी स्मृति को देख पाएंगे। 

 साथ ही महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती को लेकर भी कार्यक्रम यहां प्रस्तुत किए जाएंगे। काशी के घाटों पर गंगा आरती का दृश्य और इसकी संस्कृति की विरासत भी प्रवासी भारतीयों को यहां देखने को मिलेगी। योगी ने कहा कि इस सम्मलेन के लिए काशी पूरी तरह से तैयार है। 

अतिथियों के सत्कार के लिए प्रदेश सरकार ने खास तैयारियां की है। वहीं सभी प्रवासी भारतीयों को कुंभ का भी दर्शन करवाया जाएगा। यहां वे प्रयाग राज की धरती में अलग- अलग जगहों पर बने स्थलों का लुत्फ उठा पाएंगे।
 










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