नीति आयोग कराएगा एनएचएआई के कामकाज का संस्थागत मूल्यांकन

डीएन ब्यूरो

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के कर्ज का आकार बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक होने और सरकार से मिलने वाले बजट समर्थन पर उसकी बढ़ती निर्भरता को देखते हुए नीति आयोग ने प्राधिकरण का संस्थागत मूल्यांकन कराने का फैसला किया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के कर्ज का आकार बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक होने और सरकार से मिलने वाले बजट समर्थन पर उसकी बढ़ती निर्भरता को देखते हुए नीति आयोग ने प्राधिकरण का संस्थागत मूल्यांकन कराने का फैसला किया है।

सरकारी शोध संस्थान के रूप में कार्यरत नीति आयोग के विकास निगरानी एवं मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ) ने एनएचएआई के कामकाज और सड़क परियोजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए एक तकनीकी सलाहकार चुनने के इरादे से निविदा जारी की है।

देश में राजमार्गों के विकास एवं रखरखाव के लिए जिम्मेदार एनएचएआई का कर्ज बोझ पिछले कुछ वर्षों में बेतहाशा रूप से बढ़ा है। मार्च, 2014 में उसपर 23,797 करोड़ रुपये का कर्ज था लेकिन मार्च, 2022 तक यह बढ़कर 3.48 लाख करोड़ रुपये हो गया था।

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वित्त वर्ष 2021-22 में एनएचएआई के व्यय का इंतजाम आंशिक रूप से 57,350 करोड़ रुपये के बजट आवंटन और 65,000 करोड़ रुपये की बाजार उधारी से किया गया था। एनएचएआई राजमार्गों से संबंधित मुद्दों पर सरकार को सलाह भी देता है।

डीएमईओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एनएचएआई के बढ़ते कर्ज बोझ, सरकारी बजट समर्थन पर निर्भरता बढ़ने, आकस्मिक देनदारियों और राजमार्ग और ढांचागत विकास की महत्वाकांक्षी योजनाओं को देखते हुए एनएचएआई के प्रदर्शन के बारे में बेहतर समझ पैदा करने की जरूरत है। इसके लिए इसके तौर-तरीकों और वित्त का मूल्यांकन करना होगा ताकि इसके कामकाज में सुधार के लिए अहम बिंदु रखे जा सकें।

डीएमईओ के मुताबिक, ‘‘इस बात को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग एनएचएआई का संस्थागत मूल्यांकन कराने की योजना है जिसमें इसके परिचालन, प्रासंगिकता, प्रभाव, सक्षमता और वित्त के अलावा इसकी मौजूदा नीतियों एवं निर्णय-निर्माण प्रक्रिया को भी परखा जाएगा।’’

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस मूल्यांकनपरक अध्ययन में एनएचएआई की अल्पावधि एवं दीर्घावधि देनदारियों को पूरा कर पाने के लिए उसकी वित्तीय व्यवहार्यता की भी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा मौजूदा परियोजनाओं के मौद्रीकरण की रणनीति का भी आकलन किया जाएगा।

एनएचएआई को अपने मौजूदा कर्जों की किस्तों के भुगतान पर ही वित्त वर्ष 2022-23 में 31,735 करोड़ रुपये व्यय करने पड़े। यह इसके कुल व्यय का पांचवां हिस्सा है।

देश में इस समय 1,41,190 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। हालांकि, देश में सड़कों की कुल लंबाई में यह हिस्सा सिर्फ 2.2 प्रतिशत ही है लेकिन इनके जरिये कुल सड़क परिवहन का 40 प्रतिशत आवागमन होता है।










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