One Nation, One Election: ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के उद्देश्य को लेकर प्रशांत भूषण ने केंद्र सरकार पर लगाये ये बड़े आरोप

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय के जानेमाने वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों को स्थगित करने के इरादे से एक ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ का प्रचार कर रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

प्रशांत भूषण, वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट
प्रशांत भूषण, वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट


बेंगलुरु: उच्चतम न्यायालय के जानेमाने वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों को स्थगित करने के इरादे से एक ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ का प्रचार कर रही है।

इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं।

भूषण ने यहां रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत जैसे संसदीय लोकतंत्र में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ लागू नहीं हो सकता है क्योंकि हमारे देश में सरकार बहुमत खो देने पर अपने कार्यकाल के बीच में ही गिर जाती है और एक नयी सरकार बनती है।’’

उन्होंने दावा किया कि अगर ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के विचार को लागू किया जाता है तो सरकार गिरने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागू करना होगा जो लोकतंत्र के खिलाफ है।

भूषण ने कहा, ‘‘इसका अर्थ है कि हम लोकतंत्र से राष्ट्रपति के शासन की ओर जा रहे हैं। यह पूरी तरह से संसदीय लोकतंत्र का हनन है। मेरी नजर में सरकार को इसकी जानकारी है और उसे पता है कि राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए संविधान में कई बदलाव करने होंगे।’’

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। उसे इन सभी तथ्यों के बारे में जानकारी भी है। इसके बावजूद सरकार ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की दिशा में आगे बढ़ी, जिसका एकमात्र उद्देश्य इस वर्ष के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनावों को टालना है।

भूषण ने दावा किया, ‘‘इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी हार से डर रही है। इसलिए, वे ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के नाम पर विधानसभा चुनावों को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव तक स्थगित कराना चाहते हैं, ताकि इन राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।’’










संबंधित समाचार