Delhi Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी हिंसा में 14 आरोपी गिरफ्तार, शोभायात्रा पर फायरिंग करने वाला पिस्टल समेत दबोचा गया, जानिये कैसे मचा उपद्रव
राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी क्षेत्र में हनुमान जयंती पर हुई हिंसा के मामले में अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। शोभायात्रा पर फायरिंग करने वाले को भी पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। डाइनामाइट न्यूज़ में पढ़िये इश हिंसा से जुड़े बड़े अपडेट
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी क्षेत्र में हनुमान जयंती के मौके पर कल शनिवार शाम को हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। शोभायात्रा पर फायरिंग करने वाले को भी फायरिंग में इस्तेमामल पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हिंसा में कुल 9 लोग जख्मी हो गये, जिसमें 8 दिल्ली पुलिसकर्मी और एक सिविलयन शामिल हैं। सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर पुलिस की जांच जारी है। पुलिस को हिंसा से जुड़े 100 से ज्यादा वीडियो मिले है, जिनसे पुलिस उपद्रवियों की पहचान में जुटी है। पुलिस दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा मामले में सुबह तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया। बाद में 5 और लोगों को किया गिरफ्तार किया गया। अब तक कुल 14 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मामले में और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
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Jahangirpuri Violence Case: जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने तीन और आरोपियों को किया गिरफ्तार
दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा मामले में शोभायात्रा पर फायरिंग के आरोपी की पहचान 21 साल के असलम उर्फ खोडू उर्फ असलम अली के तौर पर हुई है। असलम के खिलाफ 2020 में भी केस दर्ज है। असलम सीडी पार्क के पास का रहने वाला है. उसके पास से वारदात के दौरान इस्तेमाल की गई एक पिस्टल बरामद हुई है।
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार असलम उर्फ खोडू खिलाफ जहांगीरपुरी थाना में 2020 के एक मामले में आईपीसी की धारा 324/188/506/34 के तहत केस दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि जिसे गिरफ्तार किया गया है, वह आदतन अपराधी है।
जहांगीरपुरी हिंसा मामले में घायल ASI अरुण कुमार ने बातचीत में बताया कि पत्थर और ईंटों से उनके ऊपर हमला किया गया जिससे उनके पैर और कंधे में चोट आई है। उन्होंने बताया कि वे शुरुआत से ही शोभायात्रा में मौजूद थे. उन्होंने बताया कि हम उस गाड़ी के पीछे ही थे जिसमें हनुमान जी की यात्रा निकाली जा रही थी। आगे से अचानक पीछे की तरफ भीड़ आई। इसके बाद दोनों तरफ से बहस होने लगी। हमने बहुत शांत करवाने की कोशिश की, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था. सबके हाथ में बोतलें, तलवार और चाकू थे।