New CJI Sanjiv Khanna: जानिये कौन हैं देश के नये मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना

डीएन ब्यूरो

सीनियर जस्टिस संजीव खन्ना को देश का नया मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये उनके बारे में...

नये मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना
नये मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना


नई दिल्ली: देश के सीनियर जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। वे देश 51वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने सोमवार को निवर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) का स्थान लिया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने ही अपनी सेवानिवृत्ति के बाद इस पद के लिये जस्टिस संजीव खन्ना के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसे राष्ट्रपति द्वारा मंजूर किया गया। 

देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश के पद की जस्टिस संजीव खन्ना ने अबसे थोड़ी देर पहले शपथ ली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उनको पद औक गोपनीयता की शपथ दिलायी।

डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये देश के नये सीजेआई संजीव खन्ना के बारे में कुछ प्रमुख बातें।

सीजेआई संजीव खन्ना को क्रिमिनल, सिविल, टैक्स और संवैधानिक कानूनों का विशेषज्ञ माना जाता है। हाल के वर्षों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए कई बड़े फैसलों में एक जज के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना की अहम भूमिका रही।

यह भी पढ़ें | Highlights of Supreme Court's verdict on illegal bulldozers action: अवैध बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें

सीजेआई संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ। उनके पिता जस्टिस देव राज खन्ना भी सुप्रसिद्ध कानूनविद रहे। जस्टिस देव राज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी रहे। 

सीजेआई संजीव खन्ना की मां सरोज खन्ना एक मशहूर शिक्षाविद रहीं। वह दिल्ली विश्वविद्याल के लेडी श्री राम कॉलेज में लेक्चरर (Lecturer) थीं।

सीजेआई खन्ना ने वर्ष 1977 में नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। 1980 में उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। 

कानून की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने साल 1983 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में बतौर एक वकील के रूप में इनरोल कराया था। शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में प्रैक्टिस शुरू की। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट में विविध क्षेत्रों में अभ्यास किया। 

यह भी पढ़ें | सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट सही बताया, जानिये शीर्ष अदालत का पूरा फैसला

साल 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में एडिशनल जज के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई। इसके बाद साल 2006 में वे स्थायी न्यायाधीश बनाए गए।

जस्टिस संजीव खन्ना ने 2006 से 2019 तक हाईकोर्ट में जज का कार्यभार संभाला। इसके बाद उन्हें 18 जनवरी, 2019 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए थे। 

जस्टिस खन्ना ने कई महत्वपूर्ण फैसले भी सुनाये, जिनमें VVPAT का सत्यापन, इलेक्टोरल बॉन्ड, आर्टिकल 142 के तहत तलाक जैसे मामले शामिल हैं।

इसके अलावा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगाने वाली पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना मौजूद रहे।










संबंधित समाचार