

देश के मशहूर उद्योगपति, दो बार सांसद और इस समय कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी नवीन जिंदल ने अपने व्यस्त चुनावी कैंपन के बीच डाइनामाइट न्यूज़ को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने राजनीति में आने की वजहें बताई। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िये उनका पूरा इंटरव्यू।
नई दिल्ली: देश के दिग्गज उद्योगपतियों में शुमार दो बार के सांसद रहे नवीन जिंदल इस समय कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। कुरुक्षेत्र में अपने व्यस्त चुनावी कैंपेन के बीच नवीन जिंदल ने डाइनामाइट न्यूज़ के फाउंडर एंड एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया।
इस इंटरव्यू में नवीन जिंदल ने उनके राजनीति में आने की वजह को भी साफ किया और ये भी बताया कि राज्यसभा का शॉर्टकट रास्ता चुनने के बजाए वे आखिर क्यों लोकसभा चुनाव लड़कर संसद पहुंचना चाहते हैं? इस मौके पर उन्होंने कुरुक्षेत्र विजन डॉक्यूमेंट बनाने के साथ कई नई बातो का भी खुलासा किया।
नवीन जिंदल ने डाइनामाइट न्यूज के एक सवाल के जवाब में कहा कि हम ‘कुरुक्षेत्र विजन डॉक्यूमेंट’ बनाना चाहते हैं। इसके जरिये हम कुरुक्षेत्र के विकास का रोड मेप तैयार करना चाहते हैं। हम जानना चाहते हैं कि 2030 तक अगले 6 सालों में हम कुरुक्षेत्र के लिये क्या-क्या बेहतर कर सकते हैं। इसके लिए मैने कुछ प्लान बनाये हैं। लेकिन मैं चाहता हूं इसमें सभी लोगों की भागीदारी हो। उन्होंने कहा कि इसके लिये हमने सोशल मीडिया के माध्यम से कुरुक्षेत्र के युवाओं और लोगों से सुझाव मांगे है।
नवीन जिंदल ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र में जनता और देश के विकास व युवाओं के लिये पहले ही कई घोषणाएं और योजनाओं के बारे में बताया गया है। लेकिन वे अपनी तरफ से भी यहां सबसे बड़ा कौशल विकास केंद्र बनाना चाहते हैं। यह भारत का बेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट होगा। इसमें 10 हजार युवाओं को हर साल ट्रेनिंग दी जायेगी और ये युवा विदेशों में जाकर दिग्गज कंपनियों व संस्थानों में बेहतर नौकरी पा सकेंगे।
एक सवाल के जवबा में उन्होंने कहा कि वे अपने पिता ओम प्रकाश जिंदल के नक्शेकदम पर चलना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पिता से ही से प्रेरणा लेकर राजनीति में आया हूं। मैने अपने पिता से प्रेरणा लेकर राजनीति को जनसेवा का एक माध्यम माना है।“
उन्होंने कहा कि “मैरे पिता कहा करते थे कि ईश्वर ने हमें बहुत कुछ दे रखा है। इसलिये हमें लोगों के और देश के काम आना चाहिये।“
संसद पहुंचने के लिये राज्यसभा का रास्ता न चुनने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लोग तब तक आपके घर नहीं आते जब तक कि आप उनके घर नहीं जाते। जब चुनाव के बहाने हम लोगों के पास या उनके घर जाते हैं और हाथ जोड़कर उनसे वोट व मदद मांगते हैं।
हमारा उनसे पारिवारिक रिश्ता बनता है। हमें जमीनी हकीकत का पता लगता है। उनकी समस्याओं को जानते हैं। तब लोगों को भरोसा होता है कि जब ये हमारे घर आ सकते हैं तो हम भी इनके घर जा सकते हैं।
नवीन जिंदल ने कहा कि कुरक्षेत्र के लोगों से उनका पारिवारिक रिश्ता है। मैं यहां घर-घर में गया हूं। यहां के लोग भली भांति जानते हैं कि मैने यहां क्या-क्या किया, इसलिये मुझे ये बताने की जरूरत नहीं पड़ती। लोग मुझे खूब प्यार, आशीर्वाद और समर्थन दे रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फर्स्ट टाइम वोटिरों की रूचि राजनीति में कम है। मैं उनसे कहता हूं कि उन्हें बढ़-चढ़कर चुनाव और राजनीति में हिस्सा लेना चाहिये। उनको सामने आकर अपनी बातें रखनी चाहिये।