Myanmar Border: गृह मंत्री अमित शाह ने म्यांमार बॉर्डर को लेकर किया बड़ा ऐलान, जानिए पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार म्यांमा सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही को बंद करेगी ताकि बांग्लादेश से लगी सीमा की तरह इसकी सुरक्षा की जा सके। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह


गुवाहाटी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार म्यांमा सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही को बंद करेगी, और इसकी पूरी तरह से बाड़बंदी करेगी ताकि बांग्लादेश से लगी सीमा की तरह इसकी सुरक्षा की जा सके।

असम पुलिस की पांच नव गठित कमांडो बटालिन के प्रथम बैच की ‘पासिंग आउट परेड’ को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने यह घोषणा की।

यह भी पढ़ें: म्यांमा सीमा के करीब थाईलैंड के सैनिकों के साथ झड़प में 15 संदिग्ध मादक पदार्थ तस्करों की मौत

शाह ने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी सरकार ने फैसला किया है कि अब तक खुली हुई भारत-म्यांमार सीमा की बाड़बंदी कर उसे सुरक्षित किया जाएगा। पूरी सीमा की कांटेदार तार से बाड़बंदी की जाएगी जैसा कि हमने भारत-बांग्लादेश सीमा पर किया है।’’

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार म्यांमा के साथ मुक्त आवाजाही समझौता पर पुनर्विचार कर रही है। अब, भारत सरकार इस सुविधा को रोकने जा रही।’’

मुक्त आवाजाही व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर अंदर तक यात्रा करने की अनुमति देती है।

यह भी पढ़ें: देश की सीमा पर तस्करी के बड़े मामले का भंडाफोड़, म्यांमा बॉर्डर पर करोड़ों के मादक पदार्थ जब्त

भारत के चार राज्य - अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम - म्यांमा के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।

इससे पहले, अधिकारियों ने कहा था कि सरकार सीमा के 300 किमी खंड पर बाड़ लगाने की योजना बना रही है।

फरवरी 2021 में पड़ोसी देश म्यांमा में सैन्य तख्तापलट के बाद उसके 31,000 से अधिक लोगों ने मिजोरम में शरण ली। इनमें से ज्यादातर लोग चिन राज्य से हैं। कई लोगों ने मणिपुर में भी शरण ली है।

पिछले साल, मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के साथ भीषण गोलीबारी के बाद भारत से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तैनात म्यांमा के दर्जनों सैनिक भी मिजोरम भाग आये थे। बाद में, उन्हें उनके देश वापस भेज दिया गया था।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के तहत पिछले 10 वर्षों में देश की कानून व्यवस्था में भारी बदलाव आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के दशकों के शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर, नक्सली इलाके और पूर्वोत्तर अशांत रहे। अब, इन क्षेत्रों में हिंसा 73 प्रतिशत कम हो गई है और यह हमारे लिए एक सुखद प्रगति है।’’

उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि इसके शासनकाल के दौरान लोगों को नौकरियों के लिए रिश्वत देनी पड़ती थी, जबकि भाजपा के शासन के दौरान नौकरी के लिए एक पैसा भी नहीं देना पड़ता है।

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर शाह ने कहा कि भगवान राम 550 साल के ‘बुरे दौर’ के बाद घर लौटेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है।’’ उन्होंने कहा कि यह ऐसे वक्त हो रहा है जब देश ‘सुपरपावर’ बनने की राह पर है।










संबंधित समाचार