चमत्कार होते हैं, उन पर विश्वास न करना मुश्किल: लाबुशेन

डीएन ब्यूरो

ऑस्ट्रेलिया को रिकॉर्ड छठा विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले मार्नस लाबुशेन ने कहा कि शुरू में टीम में जगह नहीं मिलने के बाद भी उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी थी क्योंकि वह हमेशा चमत्कार पर विश्वास करते हैं। पढ़िए डाईनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

चमत्कार होते हैं, उन पर विश्वास न करना मुश्किल: लाबुशेन
चमत्कार होते हैं, उन पर विश्वास न करना मुश्किल: लाबुशेन


अहमदाबाद: ऑस्ट्रेलिया को रिकॉर्ड छठा विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले मार्नस लाबुशेन ने कहा कि शुरू में टीम में जगह नहीं मिलने के बाद भी उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी थी क्योंकि वह हमेशा चमत्कार पर विश्वास करते हैं।

इस 29 वर्षीय खिलाड़ी को ऑस्ट्रेलिया की विश्व कप की शुरुआती 18 सदस्यीय टीम में जगह नहीं दी गई थी। एस्टन एगर के चोटिल होने के कारण उन्हें आखिरी समय में टीम में शामिल किया गया।

भारत के खिलाफ रविवार को फाइनल में नाबाद 58 रन बनाने वाले लाबुशेन ने कहा,‘‘मेरे लिए चमत्कारों पर विश्वास नहीं करना कठिन है और कोई ऐसी शक्ति है जो आपके लिए मार्ग प्रशस्त करती है।’’

लाबुशेन में विश्व कप में 10 पारियों में 40.22 की औसत से 362 रन बनाए जिसमें तीन अर्धशतक शामिल हैं। फाइनल में उन्होंने एक छोर संभाले रखा तथा ट्रेविस हेड के साथ 192 रन की साझेदारी करके अपनी टीम को 6 विकेट से जीत दिलाई।

लाबुशेन ने हालांकि स्वीकार किया कि उन्हें फाइनल के लिए अंतिम एकादश में अपनी जगह को लेकर पूरा यकीन नहीं था।

उन्होंने कहा,‘‘कल रात 10 बजे तक टीम की घोषणा नहीं हुई थी। मुझे नहीं पता था कि मैं खेल रहा हूं या नहीं। मैं अपने बिस्तर पर बैठकर सोच रहा था कि अगर मैं नहीं खेलूंगा तो किस तरह से मैं अपना योगदान दे सकता हूं। संभवत: क्षेत्ररक्षण में मैं अपना योगदान दे सकता हूं।’’

लाबुशेन ने क्रिकेट.कॉम.एयू से कहा,‘‘इसके बाद सवा 10 बजे टीम की घोषणा कर दी गई और केवल इतना कहा गया कि सेमीफाइनल में खेलने वाली टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे मुझे थोड़ी राहत मिली। ’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार स्टीव स्मिथ के चोटिल होने होने के कारण लाबुशेन को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप से पहले खेली गई पांच मैचों की वनडे श्रृंखला के लिए आखिरी क्षणों में टीम में शामिल किया गया लेकिन उन्हें पहले मैच के लिए अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली।

उन्होंने कहा,‘‘मुझे पांच बार अनौपचारिक तौर पर बाहर किया गया लेकिन मैं हर मैच में खेला। मैं दक्षिण अफ्रीका जाने वाली टीम में शामिल नहीं था लेकिन मुझे मौका मिला और मैंने कुछ रन बनाकर अपना दावा पेश किया। इसके बाद मैं लगातार 19 मैच खेल चुका हूं।










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