

बुलंदशहर में गोकशी को लेकर भड़की हिंसा के बाद में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के बाद में बसपा सुप्रीमो ने बड़ा बयान दिया है। डाइनामाइट न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट में पढ़ें क्या बोली मायावती..
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कानून व्यवस्था को लेकर उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुये कहा कि भाजपा शासन में कानून के रखवाले ही अब अराजकता का शिकार हो रहे हैं।
मायावती ने मंगलवार को यहां जारी बयान में कहा कि देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर ज़िले में हुई हिंसा के लिये भाजपा सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि हर प्रकार की अराजकता को संरक्षण देने का ही परिणाम है कि विकास के लिये तरस रहे देश के सबसे बड़े राज्य में भाजपा का जंगलराज कायम है। क़ानून के रखवाले भी बलि चढ़ रहे हैं। यह बड़ी चिन्ता की बात है।
यह भी पढ़ेंः बुलंदशहर हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता
बुलंदशहर में हिंसक घटना का शिकार हुये पुलिस अधिकारी तथा एक निर्दोष युवक की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुये मायावती ने कहा कि अब अराजगता के राज को खत्म करने को समय आ गया है। देश में कानून का राज स्थापित करने के लिये पूरी ईमानदारी से प्रयास करना चाहिये ताकि संविधान तथा लोकतंत्र काे भीड़तंत्र की बलि चढ़ने से रोका जा सके।
यह भी पढ़ेंः बुलंदशहर में मौत के बाद शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के एटा स्थित घर पर पसरा मातम
राजधानी लखनऊ में भाजपा के एक और युवा नेता प्रत्युष मणि त्रिपाठी की हत्या का जिक्र करते हुये मायावती ने कहा कि भाजपा की बढ़ती हुई भींड़तंत्र की उग्र एवं हिंसक स्थिति का शिकार अब स्वयं इनके लोग ही हाेने लगे है। पहले दलितों, पिछड़ाें, मुस्लिम तथा अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों काे अपनी हिंसा व उग्रता का शिकार बनाने वाले ये अराजक लोग अब अपनी आदतों से मजबूर लगते हैं। ऐसी स्थिति में भी भाजपा की सरकारें सख्त कदम उठाने का अपना कर्तव्य निभाने में पूरी तरह से विफल साबित हाे रही हैं।
उन्होंने कहा कि बुलन्दशहर की घटना में मृतकाें के परिवाराें काे केवल समुचित अनुग्रह राशि देना ही उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार के लिये काफी नहीं होना चाहिये बल्कि इस हिंसा के लिये सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये ताकि देश को एेसा महसूस हाे कि प्रदेश में कोई सरकार भी है।