मऊ की 70 साल पुरानी बस्ती संकट में, 400 लोगों की उड़ी नींद, आशियाना तोड़ने के नोटिस से भारी आक्रोश
यूपी के मऊ जनपद में रेलवे लाइन के पास 60-70 साल से बसी कॉलोनी को हटाने के नोटिस ने लोगों की नींद उड़ा दी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मऊ: शहर कोतवाली के रेलवे लाइन के पास बसी 70 साल पुरानी गुजराती बस्ती पर संकट के बादल छा गये हैं। रेलवे प्रशासन ने यहां के लोगों को इस बस्ती को हटाने का नोटिस दिया है।
दरअसल रेलवे चौड़ीकरण को लेकर रेलवे प्रशासन ने रेलवे लाइन के पास बसी झोपड़ियों को हटाने का नोटिस जारी किया है। नोटिस के अनुसार झोपड़ियों पर चलेगा बुलडोजर चलाया जाएगा।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार गुजराती बहुल कॉलोनी में करीब 80-90 झोपडियां हैं जिसमें 400 लोग निवास करते हैं।
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झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों ने बताया कि यह कॉलोनी 60-70 साल पुरानी है। देश की आजादी के बाद गुजराती लोग यहां बसें हैं। अब उनका यहीं आशियाना है। वे लोग अब कहां जाएंगे।
गुजराती मुहल्ले के पीड़ितों ने अपने आशीयाने को उजाड़ने वाले नोटिस के बाबत जिलाधिकारी और नगर विकास मंत्री से मुलाकात की तथा उनसे न्याय की गुहार लगाई है।
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फूलन सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल निषाद ने गुजराती मुहल्ले के पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिलाया है।
कांशीराम आवास की पीड़ितों ने भी मांग उठाई है। कांशीराम आवास को ठेकेदारों और दबंगों ने कब्ज़ा किया है।