Uttarakhand: हल्द्वानी में फिलहाल नहीं चलेगा बुलडोजर, बनभूलपुरा अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड के हल्द्वानी पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई है। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के कारण बड़ी संख्या में लोग बेघर होने जा रहे है। इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट से बनभूलपुरा के लोगों को बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट से बनभूलपुरा के लोगों को बड़ी राहत


नई दिल्ली: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के कारण 4,365 परिवारों को बेदखल करने का मामला फिलहाल टल गया है। हल्द्वानी में बनभूलपुरा अतिक्रमण मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब फिलहाल हल्द्वानी में बुल्डोजर नहीं चलेगा। रेलवे और उत्तराखंड सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में अब एक महीने बाद 7 फरवरी को सुनवाई होगी।

उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर गुरूवार को सुनवाई की और हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। 

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि पुनर्वास के लिये क्या सात दिन का समय देना उचित हैं? लोग सालों से वहां रह रहे हैं लेकिन उनके लिये क्यों कोई पुनर्वास योजना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेलवे ने इस जमीन पर अब दावा क्यों किया है? 

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व किया।

बता दें कि जिला प्रशासन ने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 20 दिसंबर को कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए अखबारों में नोटिस प्रकाशित किया था। प्रशासन ने लोगों से नौ जनवरी तक अपना सामान ले जाने को कहा है। यह भूमि की पट्टी दो किलोमीटर लंबी है, जो कि हलद्वानी रेलवे स्टेशन से बनभूलपुरा इलाके में गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर तक फैली है।

कोर्ट के आदेश के बाद अधिकारियों ने रेलवे की जमीन का निरीक्षण किया और अतिक्रमण हटाने की तैयारी करने लगे। रेलवे यहां से 8 जनवरी को अतिक्रमण हटाने वाला था। हटाए जा रहे निवासियों ने बेदखली रोकने के लिए कैंडल मार्च निकाला और धरना दिया। इलाके की एक मस्जिद में सैकड़ों लोगों ने सामूहिक नमाज अता की गई। अब उनकी दुआ कबूल हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।










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