मलिक वरिष्ठ सहयोगी हैं, उनके राजनीतिक रुख को लेकर उनसे बात नहीं की: प्रफुल्ल पटेल

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा अपने सहयोगी अजित पवार को पत्र लिखकर सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन में नवाब मलिक को शामिल करने पर आपत्ति जताए जाने के एक दिन बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने शुक्रवार को कहा कि मलिक एक वरिष्ठ सहयोगी है और महाराष्ट्र विधानसभा में वह कहां बैठते हैं, यह कोई मुद्दा नहीं है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 December 2023, 4:33 PM IST
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नागपुर:  महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा अपने सहयोगी अजित पवार को पत्र लिखकर सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन में नवाब मलिक को शामिल करने पर आपत्ति जताए जाने के एक दिन बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने शुक्रवार को कहा कि मलिक एक वरिष्ठ सहयोगी है और महाराष्ट्र विधानसभा में वह कहां बैठते हैं, यह कोई मुद्दा नहीं है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट के कार्यकारी अध्यक्ष पटेल ने साथ ही कहा कि उन्होंने मलिक के राजनीतिक विचारों को लेकर उनसे अभी बात नहीं है।

पटेल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि फडणवीस द्वारा पवार को लिखे गए पत्र को संदर्भ से बाहर नहीं लिया जाना चाहिए।

पटेल ने शुक्रवार को यहां दोनों उपमुख्यमंत्रियों से विधान भवन में मुलाकात भी की।

पटेल ने विधान भवन पहुंचने के बाद पहले फडणवीस से मुलाकात की। उन्होंने फडणवीस से 15 मिनट से अधिक समय तक बातचीत की। इसके बाद पटेल ने अजित पवार से उनके कार्यालय में मुलाकात की।

पटेल ने कहा, ‘‘हमने दो जुलाई को महायुति सरकार में शामिल होने का निर्णय लेने के बाद मलिक से उनके राजनीतिक विचारों को लेकर बात नहीं की है। चिकित्सकीय आधार पर मिली जमानत पर उनकी (जेल से) रिहाई के बाद हमने उनसे शिष्टाचार मुलाकात की थी।’’

पटेल ने कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने मलिक की ओर से भारत के निर्वाचन आयोग को कोई हलफनामा नहीं सौंपा है।

उन्होंने विधानसभा में मलिक के बैठने के मुद्दे को तूल देने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि हाल में हुए विधानसभा चुनावों में हार के बाद विपक्ष के पास कुछ भी रचनात्मक करने को नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि संसद भी अब अच्छे से काम कर रही है। यह स्पष्ट है कि मोदी 2024 में सत्ता में लौटेंगे और शिंदे-फडणवीस-अजित पवार अगले साल के अंत में राज्य में सरकार बनाएंगे।’’

इससे पहले, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि वह मलिक की राजनीतिक संबद्धता पर राकांपा के उनके गुट का रुख बताने से पहले पूर्व मंत्री से बात करेंगे ताकि वह उनकी स्थिति समझ सकें।

राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्वाइड क्रैस्टो ने कहा कि पार्टी प्रवक्ता के तौर पर मलिक ने अजित पवार गुट के कई नेताओं के लिए दिन-रात संघर्ष किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसकी पुष्टि कर सकता हूं क्योंकि मैं उस यात्रा का अभिन्न हिस्सा था।’’

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज ये नेता उनका समर्थन करने के बजाय उनसे मुंह मोड़ रहे हैं। कृतघ्नता..।’’

फडणवीस ने अपने कैबिनेट सहयोगी पवार को पत्र लिखकर राकांपा विधायक मलिक को राज्य की सत्तारूढ़ ‘महायुति’ या महागठबंधन में शामिल करने पर बृहस्पतिवार को विरोध जताया था।

नवाब मलिक प्रवर्तन निदेशालय के एक मामले में आरोपी हैं।

भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर बाहर हैं। मलिक ने बृहस्पतिवार को यहां महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग लिया। वह विधानसभा में राकांपा के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के एक विधायक के पास में बैठे थे।

राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना शामिल हैं।

फडणवीस ने अजित पवार को लिखे अपने पत्र में कहा कि मलिक को एक विधायक के रूप में विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने का अधिकार है।

उन्होंने कहा , ‘‘हमारी (भाजपा) उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या द्वेष नहीं है, लेकिन वह जिस प्रकार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए हमारा मानना है कि उन्हें महायुति में शामिल करना उचित नहीं होगा।’’

 

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