महराजगंज: सरकारी डॉक्टर का काला कारनामा कैमरे के सामने उजागर.. मुंह छुपाते बचते फिरे चिकित्साधीक्षक
जिले के एक दबंग चिकित्सक का कारनामा जब कैमरे में कैद हुआ तो वह मुंह छुपाते बचते देखे गये। ट्रांसफर का आदेश जारी होने के बावजूद डॉक्टर साहब क्यों यहीं जमें हुए है, इसकी भी हकीकत उजागर हो गयी। डाइनामाइट न्यूज़ की इस खबर में पढ़ें आखिर क्या है डॉक्टर की काली करतूत..
महराजगंज: निचलौल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधीक्षक डॉ दयानन्द सिंह का बीती 25 जुलाई को स्थानांतरण कर दिया गया था। महराजगंज के मुख्य चिकित्साधिकारी ने डॉ क्षमाशंकर पांडेय ने डॉ दयानन्द की नयी तैनाती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज में फिजिशियन के पद पर की थी। लेकिन दो माह बीत जाने के बाद में भी डॉ दयानन्द नया पदभार ग्रहण नहीं किया। इस मामले की जब पड़ताल की गयी तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आयी।
यह भी पढ़ें |
महराजगंज: दलाल चला रहे जिला अस्पताल, डॉक्टरों को मरीजों की परवाह नहीं
आखिर क्यों नयी जगह नहीं गये डॉ दयानन्द? इस सवाल का जबाव जब डाइनामाइट न्यूज़ ने जब तलाश करने की कोशिश की तो जो वजह सामने आयी वह काफी हैरान करने वाली थी निचलौल में बने रहने के लिये डॉ दयानन्द ने बच्चों की पढ़ाई का बहाना बनाया था, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
यह भी पढ़ें |
महराजगंज: इलाज के नाम पर लूट का अड्डा बना जिला अस्पताल, सरकारी आवास पर इलाज कर रहे डॉक्टर..
हकीकत यह है कि डाक्टर साहब अपने सरकारी आवास पर ही एक निजी क्लीनिक का संचालन कर रहे है। सरकारी सेवा के साथ निजी क्लीनिक पर मरीजों का इलाज करके डॉक्टर साहब यहां खूब चांदी काट रहे है और यही एक बड़ी वजह है कि डॉक्टर साहब निचलौल छोड़ने के लिये तैयार नहीं है। इसी निजी क्लीनिक पर डॉ दयानन्द निजी तौर पर मरीजों का इलाज करते है। गौरतलब है कि सरकार ने सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस को प्रतिबंधित किया हुआ है।